एक मुक्तक
भावो- अभावों का है तालमेल दुनिया
ममता मन में धार अकेले चल दे तू
गैरों में भी तुझको मिल जाएँ अपने
अपनापन सिंगार साजकर चल दे तू
***
सवैया
*
नाक के बाल ने, नाक रगड़कर, नाक कटाने का काम किया है
नाकों चने चबवाए, घुसेड़ के नाक, न नाक का मान रखा है
नाक न ऊँची रखें अपनी, दम नाक में हो तो भी नाक दिखा लें
नाक पे मक्खी न बैठन दें, है सवाल ये नाक का, नाक बचा लें
नाक के नीचे अघट न घटे, जो घटे तो जुड़े कुछ नाक बजा लें
नाक नकेल भी डाल सखे हो, न कटे जंजाल तो नाक चढ़ा लें
छंद का नाम और लक्षण बताइए.
***
salil.sanjiv@gmail.com
#दिव्यनर्मदा
#हिंदी_ब्लॉगर
भावो- अभावों का है तालमेल दुनिया
ममता मन में धार अकेले चल दे तू
गैरों में भी तुझको मिल जाएँ अपने
अपनापन सिंगार साजकर चल दे तू
***
सवैया
*
नाक के बाल ने, नाक रगड़कर, नाक कटाने का काम किया है
नाकों चने चबवाए, घुसेड़ के नाक, न नाक का मान रखा है
नाक न ऊँची रखें अपनी, दम नाक में हो तो भी नाक दिखा लें
नाक पे मक्खी न बैठन दें, है सवाल ये नाक का, नाक बचा लें
नाक के नीचे अघट न घटे, जो घटे तो जुड़े कुछ नाक बजा लें
नाक नकेल भी डाल सखे हो, न कटे जंजाल तो नाक चढ़ा लें
छंद का नाम और लक्षण बताइए.
***
salil.sanjiv@gmail.com
#दिव्यनर्मदा
#हिंदी_ब्लॉगर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें