ॐ
परात्पर परम ब्रम्ह कर्मेश्वर श्री चित्रगुप्त़ाय नमः
रूपम-रेनू परिणय : रजत जयंती पर काव्यांजलि
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वंदन श्री विघ्नेश का, रखें कृपा की दृष्टि
विधि-हरि-हर प्रति पल रखें, 'सलिल' स्नेह की वृष्टि
शारद-श्री-शक्ति त्रयी, रहें हमारे साथ
काम करें निष्काम हम, ऊँचा रखकर माथ
प्रकृति-पुरुष मिलकर करें, एक-दूजे को पूर्ण
रहे सकल संसार यह, बिन सहकार अपूर्ण
'रेनू-रूपम' कर रहे, मिल सपने साकार
'निमिषा-निकिता' ने किया, सुरभित गृह-संसार
दें 'महेंद्र-सरला' मुदित, सुरपुर से आशीष
'कृष्णमोहन-मिथलेश' मिल, मना रहे हैं ईश
'अनुपम पूनम अनुपमा, स्नेह-साधना दैव
अजय रुचिर राजीव सी, प्रीति प्रियंक सदैव
रूपाली-राकेश मिल, गएँ स्वागत गीत
नीलम मीनू अनीता, लें दिल से दिल जीत
वेड-प्रकाश तिमिर हरे, दें आशीष उमेश
श्वास-श्वास दीपित करे, विहँस मयंक-दिनेश
दीप-शिखा सम साथ हों, रूपम-रेनु हमेश
अंतर में अंतर न हो, ईश कभी भी लेश
रिद्धि-सिद्धि नव निधि करें, हे विघ्नेश प्रदान
'सलिल-साधना' माँगते, प्रभु से मिल वरदान
स्वर्गोपम सुख पा सकें, रूपम-रेनू नित्य
मन्वंतर तक पल सके, तुहिना-प्रीति अनित्य
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