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बुधवार, 25 अक्तूबर 2023

साहित्यकार निर्देशिका, गीत प्रतिगीत मिथलेश बड़गैया - संजीव वर्मा 'सलिल'

साहित्यकार निर्देशिका 
हिंदी वर्णक्रमानुसार 
नाम, स्थान, चलभाष, ईमेल, सृजन विधा 
अ 
अखिलेश खरे 'अखिल', कटनी, ९७५२८ ६३३६९, दोहा, बालगीत, सजल, कुण्डलिया। 
अनिता रश्मि राँची, ९४३१७ ०१८९३
अरुण शर्मा, भिवंडी, ९६८९३ ०२५७२, ९०२२० ९०३८७, दोहा, गीत, मुक्तक। 
आ 
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल', जबलपुर, ९४२५१८३२४४ / ७९९९५५९६१८,  salil.sanjiv@gmail.com, गद्य-पद्य सभी विधाएँ 
आभा सक्सेना अलीगढ़, ९४१०७ ०६२०७, abhasaxena08@yahoo.com , दोहा गीत, ग़ज़ल, लघुकथा। 
इ 

ई 

उ 
उदयभानु तिवारी 'मधुकर', जबलपुर  ९४२४३ २३२९७, पद्य। 
ऊ 

ए 

ऐ 

ओमप्रकाश शुक्ल, दिल्ली, ९७१७६ ३४६३१ ९६५४४ ७७११२, गद्य-पद्य।  

औ 

अं  
अंजू खरबंदा, दिल्ली  
क 
कालीपद प्रसाद हैदराबाद, ९६५७९ २७९३१, गीत, निबंध।  
ख 
ग 
गीता चौबे 'गूँज' रांची, ८८८०९ ६५००६
गीता शुक्ला फरीदाबाद, ९८११५ ६६५६८
गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' कोटा, ७७२८८ २४८१७ / ८२०९४ ८३४७७, दोहा, नवगीत, ग़ज़ल, नाटक।  
घ 
च 
चंद्रकांता अग्निहोत्री, पंचकूला, ९८७६६ ५०२४८, लघुकथा, दोहा, छायांकन, चित्रांकन। 
छ 
छगनलाल गर्ग 'विज्ञ', सिरोही, ९४६१४ ४९६२०, गीत, छंद, लेख। 
छाया सक्सेना 'प्रभु', जबलपुर, ७७०२४२ ८५७८८, दोहा, गीत, कहानी, लघुकथा।  
ज 
झ 
ट 
ठ 
ढ 
त 
थ 
द  
ध 
न 
नीलम पारीक बीकानेर, ९७९९२ ८०३६३, लघुकथा। 
प 
पूनम झा कोटा, ९४१४८ ७५६५४, लघुकथा। 
प्रेमबिहारी मिश्र, दिल्ली, ९७११८ ६०५१९, पद्य। 
फ 
ब 
भ 
भारती नरेश पाराशर जबलपुर, ८८३९२ ६६४३४
मिथलेश बड़गैया, जबलपुर, ९४२५३ ८३६१६, दोहा, गीत, ग़ज़ल, लघुकथा।  
मनोज कर्ण, फरीदाबाद  ९५४०० ९५३४०
य 
र 
रमेश सेठी, रोपड़, ७००९२ ६७९५२
राजकुमार महोबिआ, कटनी ९८९३८ ७०१९०, गद्य-पद्य। 
रामेश्वर प्रसाद सारस्वत, सहारनपुर, ९५५७८ २८९५०, पद्य-निबंध। 
ल 
व 
विजय बागरी, कटनी, ९६६९२ ५१३१९, गीत, नवगीत, दोहा, सजल। 
विनोद जैन 'वाग्वर', सागवाड़ा, ९६४९९ ७८९८१, गद्य-पद्य। 
विभा तिवारी जौनपुर ८७०७७ ४०७५६
शशि शर्मा इंदौर, ९८२७२ ५३८६८
शिवानी खन्ना दिल्ली, ९८१०४ ३९७८९
शेख़ शहज़ाद उस्मानी, शिवपुरी ९४०६५ ८९५८९ 
श्यामल सिन्हा, गुड़गाँव, पद्य, वेणुवादन।   
श्रीधरप्रसाद द्विवेदी, पलामू, ७३५२९ १८०४४, पद्य, कहानी, दोहा, निबंध। 
स 
सदानंद कवीश्वर ९८१०४ २०८२५
सुरेंद्र कुमार अरोड़ा, साहिबाबाद ०९९१११ २७२७७, लघुकथा 
डी १८४ , श्याम पार्क एक्सटेंशन ,साहिबाबाद २०१००५ ( ऊ प्र )
सुरेश कुशवाहा 'तन्मय', जबलपुर, ९८९३२ ६६०१४, पद्य, बाल साहित्य, लघुकथा। 
ह 
क्ष 
त्र 
ज्ञ   



गीत और प्रतिगीत 
मिथलेश बड़गैया - संजीव वर्मा 'सलिल' 
*
दौर अब भी है
अनय की आँधियों का,
साथ मिलकर
न्याय का
डंका बजाओ।
*
क्यों अँधेरे
डस रहे हैं रोशनी को,
रोज कल्मष
घेरते हैं चाँदनी को।
सत्य का सूरज
कुहासे में घिरा है,
बेसुरे से राग लूटें
रागिनी को।
काटकर झूठे
तिमिर-जंजाल को फिर
तुम नया सूरज-सुनहरा
जगमगाओ।
*
भीख में मिलती
नहीं है जिंदगानी,
त्याग से बनती
सफलता की कहानी
कुंडली अपनी
लिखो पुरुषार्थ श्रम से
तब मिलेगी प्रभु -
कृपा की राजधानी
हाथ पर क्यों
हाथ धर कर आज बैठे,
है धरा बंजर इसे 
फिर लहलहाओ।
*
कब तलक लाचारियाँ
हमको छलेंगी,
कब तलक मनमानियाँ
हम पर चलेंगी।
कब तलक हम
डूबने मजबूर होंगे,
कब तलक साँसें 
व्यथाओं से लड़ेंगी।
हौसलों की थामकर
पतवार कर में,
आज हर तूफान से 
आँखें मिलाओ।
***
प्रतिगीत 
*
मोह 
अनय की आँधियों का,
साथ मिलकर
न्याय का
डंका बजाओ।
*
क्यों अँधेरे
डस रहे हैं रोशनी को,
रोज कल्मष
घेरते हैं चाँदनी को।
सत्य का सूरज
कुहासे में घिरा है,
बेसुरे से राग लूटें
रागिनी को।
काटकर झूठे
तिमिर-जंजाल को फिर
तुम नया सूरज-सुनहरा
जगमगाओ।
*
भीख में मिलती
नहीं है जिंदगानी,
त्याग से बनती
सफलता की कहानी
कुंडली अपनी
लिखो पुरुषार्थ श्रम से
तब मिलेगी प्रभु -
कृपा की राजधानी
हाथ पर क्यों
हाथ धर कर आज बैठे,
है धरा बंजर इसे 
फिर लहलहाओ।
*
कब तलक लाचारियाँ
हमको छलेंगी,
कब तलक मनमानियाँ
हम पर चलेंगी।
कब तलक हम
डूबने मजबूर होंगे,
कब तलक साँसें 
व्यथाओं से लड़ेंगी।
हौसलों की थामकर
पतवार कर में,
आज हर तूफान से 
आँखें मिलाओ।
*

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