होली में नायिका
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फागुन में सावन सी बारिश नशीली है
नायिका को ढाँक-दिखा चोली भी रंगीली है
लाल लाल गाल या टमाटर की जैली है
लाल लाल गाल या टमाटर की जैली है
नायिका की नाक पीली लगे ज्यों पकौड़ी है
काली भौंह तान ताक नैन बान मार रही
नायक को खोज रही आँख सपनीली है
हाथ में गुलाल लाल ले झपट लपटती
साँवरे की बावरी की हुई ठोड़ी नीली है
श्वेत केश श्याम हुए, छैला बदनाम हुए
साठवाली लग रही, सोलह की छोरी है
छेड़ रही सखी संग, नायक हुआ है तंग
दाँव-पेंच दिखा, रिझा खिजा, बनी भोली है





श्वेत केश श्याम हुए, छैला बदनाम हुए
साठवाली लग रही, सोलह की छोरी है
छेड़ रही सखी संग, नायक हुआ है तंग
दाँव-पेंच दिखा, रिझा खिजा, बनी भोली है





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