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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

मुक्तिका ...ज़ख्म नये संजीव 'सलिल'

मुक्तिका
...ज़ख्म नये
संजीव 'सलिल'

*
है नज़रे-इनायत यारों की, देते हैं ज़ख्म दर ज़ख्म नये।
हम चाक गरेबां ले कहते, ज़ख्मों का इलाज हैं ज़ख्म नये।।

पहले तो जलाते दिल हँसकर, फिर नमक छिड़कने आते हैं।
फिर पूछ रहे हैं मुस्काकर, कहिए कैसे हैं ज़ख्म नये??

एक बार गले से लग जाओ, नैनों से नैन मिला जाओ।
फिर किसको चिंता रत्ती भर, कितने मिलते हैं ज़ख्म नये??

चुप चाल शराबी के सदके, नत नैन नशीले में बसके,
गुल गाल गुलाबी ने हँस के, ज़ख्मों को दिए हैं ज़ख्म नए।।

ज़ख़्मी तन है, ज़ख़्मी मन है, ज़ख़्मी है जानो-जिगर यारों-
बिन ज़ख्म न मिलाता चैन 'सलिल', लाओ दे जाओ ज़ख्म नए।।

*****





6 टिप्‍पणियां:

deepti gupta द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

deepti gupta द्वारा yahoogroups.com

आदरणीय संजीव जी,

ज़ख्मों पे आपकी मुक्तिकाएं काफी ज़ख्मी नज़र आई , ये आपकी भाषा और सशक्त कलम का प्रमाण है कि ज़ख्मों का ज़िक्र करते -करते मुक्तिकाएं भी उसी तोप में ढल गई !

ढेर सराहना के साथ,
सादर,
दीप्ति

Indira Pratap द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

Indira Pratap द्वारा yahoogroups.com


वाह क्या बात है सलिल भाई ,जख्म की पुनरावृत्ति और अनुप्रास ने दिल मोह लिया | धोड़ा सा मजाक कर लूँ बुरा तो नहीं मानेंगे न | इतना तो हक़ बनता है न आपके ऊपर | हमने जख्म् पर चार लाइनें क्या लिख दीन आपने तो ज़ख्मों का ढेर ही लगा दिया |
सलिल जी कमाल हैं आप भी
अब दाद भी क़ुबूल कर लीजिए| दिद्दा

sanjiv 'salil' ने कहा…

दीप्ति जी!
आपका बहुत धन्यवाद।
वक़्त ने आपको ज़ख्म दिए तो दिद्दा और मैं दोनों ज़ख़्मी कैसे न होते?

sanjiv 'salil' ने कहा…

दिद्दा!
आपने ज़ख्म की कलम लगाई तो उसकी शाख से आपका यह अनुज कुछ पत्ते तोड़ने का लोभ संवरण नहीं कर सका। आपका आभार

vijay द्वारा yahoogroups.com ने कहा…

vijay द्वारा yahoogroups.com

आ० संजीव जी,

मुक्तिका के लिए बधाई, विशेषकर...

ज़ख़्मी तन है, ज़ख़्मी मन है, ज़ख़्मी है जानो-जिगर यारों-
बिन ज़ख्म न मिलाता चैन 'सलिल', लाओ दे जाओ ज़ख्म नए।।

विजय

Mukesh Srivastava ने कहा…

Mukesh Srivastava

संजीव जी,
साहित्य सृजन की हर विधा में आप का लेखन
कुछ नयापन और चुटीलापन लिए रहता है, ये रचना भी इस बात से अछूती नहीं है,'ज़ख्म' को भी आप ने इतने खूबसूरत अंदाज़ में
पेश किया है- सच आप बधाई के पात्र है
ढेरो बधाई -
और मेरी तरंग पसंदगी और हौसला आफजाई के लिए
आभार सहित
मुकेश इलाहाबादी --------