कुल पेज दृश्य

सोमवार, 4 नवंबर 2019

छंद सलिला ;
दोही
*
लक्षण छंद -
चंद्र कला पंद्रह शुभ मान, रचें विषम पद आप।
एक-एक ग्यारह सम जान, लघु पद-अंत सुमाप।।
*
उदहारण -
स्नेह सलिल अवगाहन करे, मिट जाए भव ताप।
मदद निबल की जो नित करे, हो जाए प्रभु जाप।।
*
संजीव वर्मा 'सलिल'
९४२५१८३२४४  

कोई टिप्पणी नहीं: