अरसात सवैया ( वार्णिक छंद )-7भानस,1राजभा
211 211 211 211 211 211 211 212
( 2 लघु को गुरू मानना वर्जित )
पाँव पड़ूं कर जोर मनावत मातु उमा भव-सागर तारिणी
दीपक धूप कपूर जलावत आरति गावत दुःख निवारिणी
धीरज कौन विधी धरुं मात विचार करो मम काज सवारिणी
मातु हरो मम आपद भीषण दीन दुखी जन को भय हारिणी
लता यादव
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