कार्य शाला ९
अभिनव प्रयोग
दृश्य काव्य-
तीर अलंकार
*
मैं
बच्चा,
बचपन
से दूर हूँ।
मत समझो
बेबस-मजबूर हूँ।
दुनिया बदल सकता
मेहनत से अपनी।
कहूँगा समय से
कल- देख ले!
मैं भी तो
मशहूर
हूँ।
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अभिनव प्रयोग
दृश्य काव्य-
तीर अलंकार
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मैं
बच्चा,
बचपन
से दूर हूँ।
मत समझो
बेबस-मजबूर हूँ।
दुनिया बदल सकता
मेहनत से अपनी।
कहूँगा समय से
कल- देख ले!
मैं भी तो
मशहूर
हूँ।
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