कार्यशाला १०
पैरोडी
नीचे एक चित्रपटीय गीत है। इसका आनंद लें। चाहें तो इसकी पैरोडी बनाइये।
१. हर मात्रा गिनिये, तुक मिलान पर ध्यान दें। मात्राओं में लघु-गुरु का क्रम देखें। २. शब्दों को आगे-पीछे करिये, इससे लघु-गुरु का क्रम बदलेगा।
३. ध्यान से देखें- क्या शब्द बदलने का लय पर कोई प्रभाव पड़ता है?
४. इसमें कौन-कौन से अलंकार हैं? पहचानिये।
५. गलतियाँ खोजिये।
उत्तर टिप्पणी में अंकित करें।
*
गीत-
नीचे एक चित्रपटीय गीत है। इसका आनंद लें। चाहें तो इसकी पैरोडी बनाइये।
१. हर मात्रा गिनिये, तुक मिलान पर ध्यान दें। मात्राओं में लघु-गुरु का क्रम देखें। २. शब्दों को आगे-पीछे करिये, इससे लघु-गुरु का क्रम बदलेगा।
३. ध्यान से देखें- क्या शब्द बदलने का लय पर कोई प्रभाव पड़ता है?
४. इसमें कौन-कौन से अलंकार हैं? पहचानिये।
५. गलतियाँ खोजिये।
उत्तर टिप्पणी में अंकित करें।
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गीत-
ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा
कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा
कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा
ये क्या बात है, आज की चाँदनी में
के हम खो गये, प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा जिंदगी का मज़ा
के हम खो गये, प्यार की रागनी में
ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें
लो आने लगा जिंदगी का मज़ा
सितारों की महफ़िल ने कर के इशारा
कहा अब तो सारा, जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरजू और क्या
कहा अब तो सारा, जहां है तुम्हारा
मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो
करे कोई दिल आरजू और क्या
कसम है तुम्हे, तुम अगर मुझ से रूठे
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हे दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा
-------- फिल्म –‘दिल्ली का ठग’ 1958
रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे
तुम्हे दिल दिया है, ये वादा किया है
सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा
-------- फिल्म –‘दिल्ली का ठग’ 1958
***
पैरोडी
है कश्मीर जन्नत, हमें जां से प्यारी, हुए हम फ़िदा ३०
ये सीमा पे दहशत, ये आतंकवादी, चलो दें मिटा ३१
*
ये कश्यप की धरती, सतीसर हमारा २२
यहाँ शैव मत ने, पसारा पसारा २०
न अखरोट-कहवा, न पश्मीना भूले २१
फहराये हरदम तिरंगी ध्वजा १८
*
अमरनाथ हमको, हैं जां से भी प्यारा २२
मैया ने हमको पुकारा-दुलारा २०
हज़रत मेहरबां, ये डल झील मोहे २१
ये केसर की क्यारी रहे चिर जवां २०
*
लो खाते कसम हैं, इन्हीं वादियों की २१
सुरक्षा करेंगे, हसीं घाटियों की २०
सजाएँ, सँवारें, निखारेंगे इनको २१
ज़न्नत जमीं की हँसेगी सदा १७
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है कश्मीर जन्नत, हमें जां से प्यारी, हुए हम फ़िदा ३०
ये सीमा पे दहशत, ये आतंकवादी, चलो दें मिटा ३१
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ये कश्यप की धरती, सतीसर हमारा २२
यहाँ शैव मत ने, पसारा पसारा २०
न अखरोट-कहवा, न पश्मीना भूले २१
फहराये हरदम तिरंगी ध्वजा १८
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अमरनाथ हमको, हैं जां से भी प्यारा २२
मैया ने हमको पुकारा-दुलारा २०
हज़रत मेहरबां, ये डल झील मोहे २१
ये केसर की क्यारी रहे चिर जवां २०
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लो खाते कसम हैं, इन्हीं वादियों की २१
सुरक्षा करेंगे, हसीं घाटियों की २०
सजाएँ, सँवारें, निखारेंगे इनको २१
ज़न्नत जमीं की हँसेगी सदा १७
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