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मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

hindi diwas- doha

दोहा सलिला 
हिंदी की तस्वीर
*
हिंदी की तस्वीर के, अनगिन उजले पक्ष 
जो बोलें वह लिख-पढ़ें, आम लोग, कवि दक्ष 
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हिदी की तस्वीर में, भारत एकाकार
फुट डाल कर राज की, अंग्रेजी आधार
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हिंदी की तस्वीर में, सरस सार्थक छंद
जितने उतने हैं कहाँ, नित्य रचें कविवृंद
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हिंदी की तस्वीर या, पूरा भारत देश
हर बोली मिलती गले, है आनंद अशेष
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हिंदी की तस्वीर में, भरिए अभिनव रंग
उनकी बात न कीजिए, जो खुद ही भदरंग
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हिंदी की तस्वीर पर अंग्रेजी का फेम
नौकरशाही मढ़ रही, नहीं चाहती क्षेम
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हिंदी की तस्वीर में, गाँव-शहर हैं एक
संस्कार-साहित्य मिल, मूल्य जी रहे नेक
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