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शनिवार, 9 नवंबर 2013

doha salila: sanjiv

दोहा सलिला:
संजीव
*
नट के करतब देखकर, राधा पूछे मौन
नट मत नटवर नट कसे, कहाँ बता कब कौन??
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हहर-हहर-हर रही हर, लहर-लहर सुख-चैन
सिहर-सिहर लख प्राण-मन, आठ प्रहर दिन-रैन
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पलकर पल भर भूल मत, पालक का अहसान
रूप-गंध, रस-स्वाद बिन, पालक गुण की खान
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salil.sanjiv@gmail.com
divyanarmada.blogspot.in
face book: sanjiv verma 'salil

1 टिप्पणी:

Ravi Sehgal ने कहा…

Ravi Sehgal

Bahut khoob