मन शिवम् गात
अवनीश तिवारी
मुंड माल ,
त्रिशूल विशाल ,
देख डमरू हाथ ,
मन शिवम् गात |
त्रिनेत्र - ललाट ,
जटा गंग- धार ,
गले झूलत नाग ,
मन शिवम् गात |
चन्द्र - भाल ,
ओढे मृग - छाल,
हो तांडव नाच ,
मन शिवम् गात |
कैलाश - नाथ,
करें काम - नाश ,
वंदन दिन - रात ,
मन शिवम् गात |
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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रविवार, 19 जुलाई 2009
चिप्पियाँ Labels:
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भक्ति काव्य,
भजन,
शिव भजन
आचार्य संजीव वर्मा सलिल
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3 टिप्पणियां:
सावन के पावन माह में भोले शिव को नमन |
अवनीश तिवारी
भावः-भक्तिपूर्ण शिव-भजन बहुत मधुर है.
भजन अच्छा लगा.
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