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रविवार, 14 फ़रवरी 2021

मुक्तिका बात

।मुक्तिका
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
*
बात करिए तो बात बनती है
बात बेबात हो तो खलती है

बात कह मत कहें उसे जुमला-
बात भूलें तो नाक कटती है

बात सच्ची तो मूँछ ऊँची हो
बात कच्ची न तुझ पे फबती है

बात की बात में जो बात बने 
बात सौगात होती रचती है

बात का जो धनी भला मानुस
बात से जात पता चलती है

बात सदानंद दे मिटाए गम
बात दुनिया में तभी पुजती है

बात करता 'सलिल' कवीश्वर से
होती करताल जिह्वा भजती है
*
९४२५१८३२४४

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