चित्रालंकार पर्वत
चित्रालंकार पर्वत
।
।
आ
सनम
गले लग।
नयन मिला
हो न विलग।
दो न रहें, एक हों
प्रिय! इरादे नेक हों
*
आ
गाएंगे
अनवरत
प्रणय गीत
सुर साधकर।
जी पाएंगे दूर हो
*
प्रिये! तुझे यादकर।
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