एकदा जबलपुरे ....
स्त्रियों को शाप
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महाभारत के अनुसार जब युद्ध समाप्त होने के बाद माता कुंती ने पाण्डवों को यह रहस्य बताया कि कर्ण उनका मातृज बड़ा भाई था और युधष्ठिर से कर्ण का अंतिम संस्कार करने को कहा। सभी पांडव इस बात को सुनकर दुखी हुए। यदि वे पहले जान जाते तो कर्ण की सेवा करते और युद्ध तथा महाविनाश न होता।
युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया तथा शोकाकुल होकर माता कुंती सहित समस्त स्त्री जाति को यह श्राप दिया कि आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार की गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी।
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महाभारत के अनुसार जब युद्ध समाप्त होने के बाद माता कुंती ने पाण्डवों को यह रहस्य बताया कि कर्ण उनका मातृज बड़ा भाई था और युधष्ठिर से कर्ण का अंतिम संस्कार करने को कहा। सभी पांडव इस बात को सुनकर दुखी हुए। यदि वे पहले जान जाते तो कर्ण की सेवा करते और युद्ध तथा महाविनाश न होता।
युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया तथा शोकाकुल होकर माता कुंती सहित समस्त स्त्री जाति को यह श्राप दिया कि आज से कोई भी स्त्री किसी भी प्रकार की गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी।
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