प्रो. सत्यसहाय श्रीवास्तव के प्रति शब्द-सुमनांजलि
नमन हमारे...
संजीव 'सलिल'
*
पूज्य चरण में अर्पित हैं
शत नमन हमारे...
*
मन में यादों के सुगंध है,
मिला सदा आशीष.
जितना तुमने दिया, शत गुणा
तुमको दे जगदीश.
स्वागत हेतु लगे सुरपुर में
बंदनवारे....
*
तुम भास्कर, हम हुए प्रकाशित,
हैं आभारी.
बिना तुम्हारे हैं अपूर्ण हम
हे यशधारी..
यादों का पाथेय लगाये
हमें किनारे...
*
नेक प्रेरणा दे अनेक को,
विदा हो गये.
खोज रहे हम, तुम विदेह में
लीन हो गये..
मन प्राणों को दीपित करते
कर्म तुम्हारे...
*****
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
कुल पेज दृश्य
सोमवार, 13 दिसंबर 2010
प्रो. सत्यसहाय श्रीवास्तव के प्रति शब्द-सुमनांजलि नमन हमारे... --संजीव 'सलिल'
चिप्पियाँ Labels:
-acharya sanjiv 'salil',
bilasa,
damoh,
elegy,
jabalpur,
satyasahay shrivastav,
shok geet,
smriti geet
आचार्य संजीव वर्मा सलिल
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें