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मंगलवार, 30 मार्च 2010

सम्मान: दिव्या माथुर को हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान




लंदन। नेहरू केंद्र की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी दिव्या माथुर को वर्ष 2009 के हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान से सम्मानित किया गया है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त नलिन सूरी ने माथुर को यह सम्मान प्रदान किया, जिन्होंने कई कविता संग्रहों के साथ ही कहानियाँ भी लिखी हैं। 1985 में लंदन में भारतीय उच्चायोग से जुड़ी दिव्या माथुर रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स की फ़ेलो हैं। नेत्रहीनता से संबंधित कई संस्थाओं में आपका सक्रिय योगदान रहा है तथा इनकी अनेक रचनाएँ ब्रेल लिपि में प्रकाशित हो चुकी हैं। आशा फ़ाउंडेशन और पेन संस्थाओं की संस्थापक-सदस्य, चार्नवुड आर्ट्स की सलाहकार, यू के हिंदी समिति की उपाध्यक्षा, भारत सरकार के आधीन, लंदन के उच्चायोग की हिंदी कार्यकारिणी समिति की सदस्या, कथा यू के की पूर्व अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की सांस्कृतिक अध्यक्ष, दिव्या कई पत्र, पत्रिकाओं के संपादक मंडल में भी शामिल हैं।

दिव्या माथुर के नाटक व कहानियों के मंचन तथा रेडियो एवं दूरदर्शन पर प्रसारण के अतिरिक्त, इनकी कविताओं को कला संगम संस्था द्वारा भारतीय नृत्य शैलियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। लंदन में कहानियों के मंचन की शुरूआत का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है । रीना भारद्वाज, कविता सेठ और सतनाम सिंह सरीखे विशिष्ट संगीतज्ञों ने इनके गीत और ग़ज़लों को न केवल संगीतबद्ध किया, अपनी आवाज़ से भी नवाज़ा है।

युवावस्था से ही लेखन कार्य में जुटी माथुर के छह कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें रेत का लिखा, अंतःसलीला, ख्याल तेरा, 11 सितंबर: ड्रीम्स डेबरीज, चंदन पानी और झूठ, झूठ और झूठ शामिल हैं। उनके कहानी संग्रहों में आक्रोश का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है जिसके लिए उन्हें पद्मानंद साहित्य सम्मान प्रदान किया गया था।
 
                                                                                                                                          आभार: सृजनगाथा
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