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रविवार, 23 अगस्त 2009

नकली नोट और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए क्या करना चाहिए?

आज का प्रश्न .... नकली नोट और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए क्या करना चाहिए?



हमारा उत्तर .... नकली नोट और काले धन पर अंकुश लगाने के लिए एक हजार और पाँच सौ रुपए के नोटों को बंद करने की अपेक्षा उनके साइज व प्रिंट तुरंत बदल देने चाहिये आश्चर्य तो यह है कि अब तक ऐसा क्यो नही किया गया है .,

शुक्रवार, 21 अगस्त 2009

नयी कलम: गीत - अमन दलाल

गीत

अमन दलाल

तुम्हे निमंत्रण जो दिया है
जिससे रोशन हूँ मैं,वो दिया है...

चंदन की महकती छाप है उसमें
स्नेह भरा मधुर अलाप हैं उसमें
धड़कने जो हैं, ह्रदय में,
उनकी जीवंत थाप हैं उसमें,
तुम्ही पर निर्भर हैं गान उसका
तुम्ही पर निर्भर मान उसका
तुम्हारी यादों के एकांत में,
हर पल बोझिल जो जिया है
तुम्हे जो निमंत्रण दिया है.......

स्वरों में तुम्हारे जो झनकार सी है,
अधरों पर ये हँसी अलंकार सी है,
मन को मात्र उन्ही की मुग्धता है ,
माथे पर जो सलवटें श्रृंगार सी हैं.
अब तुम भी कहो,दो बातें छल की,
नैनों में छिपे गहरे जल की,
अब क्यों इन होंठो को सिया हैं
तुम्हे जो निमंत्रण दिया हैं…….

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सोमवार, 17 अगस्त 2009

गायत्री मंत्र भावानुवाद द्वारा ..प्रो.सी.बी.श्रीवास्तव "विदग्ध


गायत्री मंत्र का भावानुवाद

मूल संस्कृत मंत्र
ॐ भूर्भुव स्वः । तत् सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

हिन्दी छंद बद्ध भावानुवाद
"

जो जगत को प्रभा ओ" ऐश्वर्य देता है दान
जो है आलोकित परम औ" ज्ञान से भासमान ॥

शुद्ध है विज्ञानमय है ,सबका उत्प्रेरक है जो
सब सुखो का प्रदाता , अज्ञान उन्मूलक है जो ॥

उसकी पावन भक्ति को हम , हृदय में धारण करें
प्रेम से उसके गुणो का ,रात दिन गायन करें ॥

उसका ही लें हम सहारा , उससे ये विनती करें
प्रेरणा सत्कर्म करने की ,सदा वे दें हमें ॥

बुद्धि होवे तीव्र ,मन की मूढ़ता सब दूर हो
ज्ञान के आलोक से जीवन सदा भरपूर हो ॥


शब्दार्थ ...
उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें । वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे ।

संपर्क ... ob 11 MPSEB Colony ,Rampur ,Jabalpur मोब. ०९४२५४८४४५२

भोजपुरी गीतिका : आचार्य संजीव 'सलिल'

भोजपुरी गीतिका :

आचार्य संजीव 'सलिल'

पल मा तोला, पल मा मासा इहो साँच बा.

कोस-कोस प' बदल भासा इहो साँच बा..

राजा-परजा दूनो क हो गइल मुसीबत.

राजनीति कटहर के लासा इहो साँच बा..

जनगण के सेवा में लागल, बिरल काम बा.

अपना ला दस-बीस-पचासा, इहो साँच बा..

धँसल स्वार्थ मा साँसों के गाडी के पहिया.

सटते बनी गइल फुल्हों कांसा, इहो साँच बा..

सोन्ह गंध माटी के, महतारी के गोदी.

मुर्दों में दउरा दे सांसा, इहो साँच बा..

सून सपाट भयल पनघट, पौरा-चौबारा.

पौ बारा है नगर-सहर के, इहो साँच बा..

हे भासा-बोली के एकइ राम-कहानी.

जड़ जमीन मां जमा हरी है इहो साँच बा..

कुरसी के जय-जय ना कइल 'सलिल' एही से

असफलता के मिलल उंचासा, इहो साँच बा..

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आरोग्य आशा: स्वाइन फ्लू की दावा तुलसी -हेम पांडे

स्वाइन फ्लू के प्रकोप ने आजकल लोगों में आतंक फैला रखा है.अब तक ८०० से अधिक मरीज पाए गए हैं, जिनमें २४ की मौत हो चुकी है. भीड़ भाड़ भरे स्थानों में जाने, मास्क पहनने आदि की सलाह दी जा रही है. सरकारी स्तर पर हर संभव प्रयत्न किये जा रहे हैं. लोग भी जागरूक नजर आ रहे हैं और साधारण फ्लू होने पर भी तुंरत जांच के लिए पंहुच रहे हैं. ऐसे में एक सुखद समाचार मेरी नजर में आया जिसे मैं आप लोगों से साझा करना चाहता हूँ.

तुलसी के २०-२५ पत्तों का रस या पेस्ट प्रतिदिन खाली पेट सेवन करने से स्वाइन फ्लू की संभावना से बचा जा सकता है. तुलसी वाइरल बीमारियों से लड़ने में मदद करती है.यदि व्यक्ति स्वाइन फ्लू से पीड़ित हो चुका हो तो भी इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ करने में मदद मिलती है. मेरी इस जानकारी का स्त्रोत याहू समाचार है.

तुलसी के औषधीय गुणों से भारतीय बहुत पहले से परिचित हैं और साधारण सर्दी जुकाम (जो वाइरस का प्रकोप है) में काढ़े के रूप में इसका सेवन करना हम लोगों के लिए आम बात है. हर हिन्दू के घर में तुलसी का पौधा होना तो आम बात है, हर गैर हिन्दू को भी तुलसी अपने घर में लगानी चाहिए. मेरी यह अपील साम्प्रदायिक न मानी जाए. आज तुलसी के औषधीय गुण विज्ञान सम्मत हैं. कल अगर तुलसी को पर्यावरण शुद्ध करने वाला पौधा पाया गया तो कोई ताज्जुब नहीं.इसलिए मैं उन लोगों को अधिक बुद्धिमान मानता हूँ जो किसी अंधविश्वास या धार्मिक मान्यताओं के अधीन तुलसी को आज भी महत्त्व देते हैं बनिस्बत उनके जो तुलसी को महत्व देने के लिए उसकी महत्ता सिद्ध होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसी लिए मैं कहता हूँ यदि किसी मान्यता को मान लेने में कोई नुक्सान नहीं तो उसे मान लेना चाहिए.

आभार: शकुनाखर

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रविवार, 16 अगस्त 2009

नवगीत: आचार्य संजीव 'सलिल'

गीत ३

मगरमचछ सरपंच
मछलियाँ घेरे में
फंसे कबूतर आज
बाज के फेरे में...

सोनचिरैया विकल
न कोयल कूक रही
हिरनी नाहर देख
न भागी, मूक रही
जुड़े पाप ग्रह सभी
कुण्डली मेरे में...

गोली अमरीकी
बोली अंगरेजी है
ऊपर चढ़ क्यों
तोडी स्वयं नसेनी है?
सन्नाटा छाया
जनतंत्री डेरे में...

हँसिया फसलें
अपने घर में भरता है
घोड़ा-माली
हरी घास ख़ुद चरता है
शोले सुलगे हैं
कपास के डेरे में...

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गीत: नए रंग छान्टेंगे --अमन दलाल

गीत

अमन दलाल

जिन्दगी के नए रंग छान्टेंगे

गम सबके जब संग बाँटेंगे....

ये ग़म के बदल जीवन में

रोज आने जाने हैं.

फिर भला दीपो में जलते,

कयू नादान [नादाँ] परवाने हैं.

कोसो न अपनी किस्मत को,

रोशन होने दो मेहनत को,

अपने इरादों की रहमत को,

ये बादल खुद-ब-खुद छाटेंगे,

गम सबके जब संग बाँटेंगे.....

कहोगे गर तुम ग़म अपने,

हो कोई मुश्किल या हो सपने

हम चलेंगे लेकर वहां पर

सपने बनते हो जहाँ पर,

भर देंगे नए रंग नस्लों में.

खुशिया महकेगी फसलो में,

जो बोयेंगे,वो काटेंगे,

ग़म सबके जब संग बाँटेंगे....

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जीवन के नए रंग छान्टेंगे.

ज्योतिष: शनि की नज़र

ज्योतिष:

: शनि की दृष्टि (साढे़ साती) 9 सितम्बर 2009 के उपरांत कन्या राशि पर

शनि किस को कष्ट देंगे किस को लाभ ?

पं. राजेश कुमार शर्मा, भृगु ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र, सदर, मेरठ.

9 सितम्बर 2009 को शनि कन्या राशि में तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में भ्रमण करेंगे तथा पूरे साल कन्या राशि में ही रहेंगे.

मत्स्य पुराण में महात्मा शनि देव का शरीर इन्द्र कांति की नीलमणि जैसी है, वे गिद्ध पर सवार है, हाथ मे धनुष बाण है एक हाथ से वर मुद्रा भी है, शनि देव का विकराल रूप भयावना भी है. शनि पापियों के लिये हमेशा ही संहारक हैं.

शनि प्रधान जातक तपस्वी और परोपकारी होता है,वह न्यायवान, विचारवान तथा विद्वान होता है,बुद्धि कुशाग्र होती है,शान्त स्वभाव होता है,और वह कठिन से कठिन परिस्थति में अपने को जिन्दा रख सकता है. सूर्य एक राशि पर एक महीने, चंद्रमा सवा दो दिन, मंगल डेढ़ महीने, बुध और शुक्र एक महीने, वृहस्पति तेरह महीने रहते हैं, शनि किसी राशि पर साढ़े सात वर्ष (साढ़े साती) तक रहते है.

शनि की कुदृष्टि से राजाओं तक का वैभव पलक झपकते ही नष्ट हो जाता है. शनि की साढ़े साती दशा जीवन में नेक दु:खों, विपत्तियों का समावेश करती है. अत:, मनुष्य को शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए शनिवार का व्रत करते हुए शनि देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

मेष: मेष राशि के जातकों के लिए शनि छठे भाव में आए हैं. शत्रु, बीमारी तथा कर्जे से मुक्ति मिलेगी. वैवाहिक जीवन का आनंद उठाएंगे तथा धन प्राप्ति के योग बनेंगे.

वृष: शनि पंचम भाव में विचरण करेंगे. विवादों एवं झूठे प्रत्यारोप धन हानि की ओर संकेत देते हैं. मानसिक तनाव के साथ-साथ संतान से मतभेद की स्थिति आ सकती है.

मिथुन: शनि की लघु कल्याणी ढैया चलेगी. पारिवारिक विवादों असंतुष्टि आर्थिक हानि के साथ-साथ खर्चों में वृद्धि से परेशानी बनेगी। विवाद तथा खिन्नता रहेगी.

कर्क: तृतीय भाव में शनि सफलता, आनंद, उत्सव, नौकरी अथवा व्यापार में उन्नति के साथ-साथ धन लाभ के योग बनेंगे. शत्रुओं की पराजय के साथ-साथ सम्मान के पात्र भी बनेंगे.

सिंह: स्वास्थ्य में कमी, धन हानि विवादों तथा अनावश्यक खर्चों से परेशानी का अनुभव होगा. मानसिक अशांति, पत्नी के स्वास्थ्य में गिरावट, शत्रु बाधा से परेशानी अनुभव करेंगे. शनि साढ़े साती की अंतिम ढैया से भी परेशानी एवं धन हानि के योग बनेंगे.

कन्या: शनि साढ़े साती मध्य में रहेगी. पारिवारिक सदस्यों के स्वास्थ्य में कमी के कारण परेशानी होगी. शत्रुओं से भय प्राप्त, सम्मान हानि के योग बनेंगे. प्रयासों में असफलता तथा खर्चों में बढ़ोत्तरी के कारण परेशान रहेंगे.

तुला: शनि साढ़ेसाती की प्रथम ढैया रहेगी. दुर्घटना से खतरा रहेगा. परिवार में विवाद-कानूनी विवाद उत्पन्न हो सकते हैं.

वृश्चिक: धन लाभ के साथ-साथ स्थाई सम्पत्ति का लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे. सम्मान उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे और पारिवारिक प्रसन्नता रहेगी.

धनु: बीमारी तथा परिवार में अशान्ति बनने से खिन्नता रहेगी. धन हानि के संकेत भी हैं. विवादों से बचें. सम्मान में कमी का अनुभव करेंगे.

मकर: आय में कमी तथा शत्रु बाधा से परेशानी होगी. प्रयासों में असफलता से खिन्नता का अनुभव करेंगे. विवादों तथा झगड़े झंझटों से बचना बेहतर रहेगा.

कुंभ: परिवार में विवाद, स्वास्थ्य में गिरावट, पत्नी को कष्ट रिश्तेदारों से अनबन तथा निन्दा के पात्र बनेंगे. असफलता के कारण खिन्नता, शत्रुओं द्वारा नुकसान की संभावना रहेगी. शनि की अष्टम लघु कल्याणी ढैया बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है.

मीन: परिवार में अलगाव खर्च में बढ़ोतरी से परेशानी, स्वास्थ्य में कमी तथा सदूर कष्टदायी यात्रा का योग है. पत्नी का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है.

शनि की अशुभता जानने के लिये जन्म पत्रिका में शनि की स्थिति को देखा जाता हैं जिन व्यक्तियों कि जन्म पत्रिका में शनि (6.8.12) भावो का स्वामी होकर निर्बल हो मारकेश हो चतुर्थेश व पंचमेश होकर स्थिति में हों नीच राशीगत हों शत्रु राशीगत हो वक्री व अस्त हो बलहीन हो उन्हें शनि के अशुभ फल प्रप्त होते है. शनि के कष्टो से छुटकारा पाने के लिये शनि को प्रसन्न करने के लिये अनेक उपायो का वर्णन ज्योतिष शास्त्रो एवं हिन्दू धर्मग्रन्थो में मिलते हैं. शनि की अनुकूलता के ‍लिये हमारे ग्रर्न्थो मे अनेक स्तोत्र मन्त्र टोटकें पूजा दान आदि अनेक उपाय हैं.

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शनिवार, 15 अगस्त 2009

स्वाधीनता दिवस पर- आचार्य संजीव 'सलिल'

http://divyanarmada.blogspot.com

स्वाधीनता दिवस पर-



आचार्य संजीव 'सलिल'
*
जनगण के

मन में जल पाया,

नहीं आस का दीपक.

कैसे हम स्वाधीन

देश जब

लगता हमको क्षेपक.

हम में से

हर एक मानता

निज हित सबसे पहले.

नहीं देश-हित

कभी साधता

कोई कुछ भी कह ले.

कुछ घंटों

'मेरे देश की धरती'

फिर हो 'छैंया-छैंया'

वन काटे,

पर्वत खोदे,

भारत माँ घायल भैया.

किसको चिंता?

यहाँ देश की?

सबको है निज हित की.

सत्ता पा-

निज मूर्ति लगाकर,

भारत की दुर्गति की.

श्रद्धा, आस्था, निष्ठा बेचो

स्वार्थ साध लो अपना.

जाये भाड़ में

किसको चिंता

नेताजी का सपना.

कौन हुआ आजाद?

भगत है कौन

देश का बोलो?

झंडा फहराने के पहले

निज मन जरा टटोलो.

तंत्र न जन का

तो कैसा जनतंत्र

तनिक समझाओ?

प्रजा उपेक्षित

प्रजातंत्र में

क्यों कारण बतलाओ?

लोक तंत्र में

लोक मौन क्यों?

नेता क्यों वाचाल?

गण की चिंता तंत्र न करता

जनमत है लाचार.

गए विदेशी,

आये स्वदेशी,

शासक मद में चूर.

सिर्फ मुनाफाखोरी करता

व्यापारी भरपूर.

न्याय बेचते

जज-वकील मिल

शोषित- अब भी शोषित.

दुर्योधनी प्रशासन में हो

सत्य किस तरह पोषित?

आज विचारें

कैसे देश हमारा साध्य बनेगा?

स्वार्थ नहीं सर्वार्थ

हमें हरदम आराध्य रहेगा.

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शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

भजन: श्री राधा मोहन -स्व पं. नरेन्द्र शर्मा.

दिव्य नर्मदा के पाठकों के लिए लावण्यम्`~अन्तर्मन्`के सौजन्य से प्रस्तुत है स्व पं. नरेन्द्र शर्मा की रचना श्री राधा मोहन

यदा यदा ही धर्मस्य,
ग्लानिर्भवति भारत..
अभ्युत्थानम अधर्मस्य
तदात्मानम सृजाम्यहम
परित्राणायाय साधुनाम,
विनाशायच दुष्कृताम
धर्म सँस्थापनार्थाय,
सँभावामि, युगे, युगे ! "

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श्री राधा मोहन,
श्याम शोभन,
अँग कटि पीताँबरम
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
आरती आनँदघन,
घनश्याम की अब कीजिये,
कीजिये विनीती ,
हमेँ, शुभ ~ लाभ,
श्री यश दीजिये
दीजिये निज भक्ति का वरदान
श्रीधर गिरिवरम् ..
जयति जय जय,
जयति जय जय ,
जयति श्री राधा वरम्
*********************************
रचनाकार [स्व. पँ. नरेन्द्र शर्मा ]

पाती प्रभु के नाम : संजीव 'सलिल'

जन्म-जन्म जन्माष्टमी, मना सकूँ हे नाथ.

कृष्ण भक्त को नमन कर, मैं हो सकूँ सनाथ.

वृन्दावन की रेणु पा, हो पाऊँ मैं धन्य.

वेणु बना लो तो नहीं मुझ सा कोई अन्य.

जो जन तेरा नाम ले, उसको करे प्रणाम.

चाकर तेरा है 'सलिल', रसिक शिरोमणि श्याम..

भजन: कान्हा जी आप आओ ना -गार्गी

कान्हा जी आप आओ ना ......

मेरा मन तुम्हे बुला रहा है !!
अपनी मधुर मुरली सुनाओ ना ....

जो मेरे अन्दर के कोलाहल को मिटा दे !!
अपनी साँवरी छवि दिखा जाओ ना ...

जो मन, आत्मा और शरीर को निर्मल कर दे !!
अपना सुदर्शन चक्र घुमाओ ना ...

जो इस दुनिया की सारी बुराइयों को नष्ट कर दे !!
हर तरफ झूठ ही झूठ है .....

आप सत्या की स्थापना करने आओ ना !
फिर से अपना विराठ रूप दिखाओ ना !!

हे कान्हा ! तुम सारथी बनो .....
जैसे अर्जुन को राह दिखाई थी....
मुझको भी राह दिखाओ ना !!

मेरी हिम्मत टूट रही है .....
मुझको भी गीता का ज्ञान सुनाओ ना !!

जीवन की इस रण भूमि में ....
अपने ही मेरे शत्रु बने है ....
आप ही कोई सच्ची राह दिखाओ ना !!

तड़प रही हूँ इस देह की जंजीरो में ....
मुझको मुक्त कराओ ना !!

भाव सागर में डूब रही हूँ ....
तुम मुझको पार लगओ ना !!

कान्हा जी आप आओ ना ..........

कान्हा जी आप आओ ना ...........

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गोकुल तुम्हें बुला रहा हे कृष्ण कन्हैया ।
वन वन भटक रही हैं ब्रजभूमि की गैया

प्रो सी बी श्रीवास्तव
OB11, विद्युत मण्डल कालोनी
रामपुर जबलपुर

गोकुल तुम्हें बुला रहा हे कृष्ण कन्हैया ।
वन वन भटक रही हैं ब्रजभूमि की गैया ।
दिन इतने बुरे आये कि चारा भी नही है
इनको भी तो देखो जरा हे धेनू चरैया ।।१।।

करती हे याद देवी माँ रोज तुम्हारी
यमुना का तट औ. गोपियाँ सारी ।
गई सुख धार यमुना कि उजडा है वृन्दावन
रोती तुम्हारी याद में नित यशोदा मैया ।।२।।

रहे गाँव वे , न लोग वे , न नेह भरे मन
बदले से है घर द्वार , सभी खेत , नदी , वन।
जहाँ दूध की नदियाँ थीं , वहाँ अब है वारूणी
देखो तो अपने देश को बंशी के बजैया ।।३।।

जनमन न रहा वैसा , न वैसा है आचरण
बदला सभी वातावरण , सारा रहन सहन ।
भारत तुम्हारे युग का न भारत है अब कहीं
हर ओर प्रदूषण की लहर आई कन्हैया ।।४।।

आकर के एक बार निहारो तो दशा को
बिगड़ी को बनाने की जरा नाथ दया हो ।
मन मे तो अभी भी तुम्हारे युग की ललक है
पर तेज विदेशी हवा मे बह रही नैया ।।५।।

गुरुवार, 13 अगस्त 2009

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष भजन: स्व. शान्ति देवी वर्मा

हे करुणासिन्धु भगवन!

हे करुणासिन्धु भगवन! तुम प्रेम से मिल जात हो.

श्याम सुंदर सांवरे दो दरस, क्यों तड़फात हो?

द्रौपदी की विनय सुन, धाये थे सब को छोड़कर.

प्रेम से हे नाथ! तुम भी, भक्तवश हो जात हो.

भगत धन्ना जाट की, खाई थी रूखी रोटियां.

ग्वाल-बल साथ मिल, माखन भी प्रभु चुरात हो.

संसार के कल्याण-हित, मारा था प्रभु ने कंस को.

भक्त को भवसागरों से, पार तुम्हीं लगात हो.

'शान्ति' हो बेआसरा, डीएम तोड़ती मंझधर में.

है आस तुम्हारे दरस की, काहे न झलक दिखात हो.


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श्यामसुंदर नन्दलाल

श्यामसुंदर नन्दलाल अब दरस दिखाइये.
तरस रहे प्राण इन्हें और न तरसाइए...

त्याग गोकुल और मथुरा जाके द्वारिका बसे.
सुध बिसारी कहे हमरी, ऊधोजी बताइए...

ज्ञान-ध्यान हम न जानें, नेह के नाते को मानें.
गोपियाँ सारी दुखारी, बंसरी बजाइए...

टेरती जमुना की, फूले ना कदम्ब टेरे.
खो गए गोपाल कहाँ? दधि-मखन चुराइए...

हे सुदामा! कृष्ण जी को हाल सब बताइये.
'शान्ति' है अशांत, दरश दे सुखी बनाइये...


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Addicted to networking? Sachin Khare

Addicted to networking?

Beware of Koobface

TIMES NEWS NETWORK

Sachin Khare - State General Secretary, BJP Information Technology Cell - Madhya Pradesh


If you have been getting tempting messages with video links in your accounts in social networking sites such as Facebook, Twitter, Myspace, Bebo, Friendster and Hi5, beware. Any attempt to download the promised video will make you another victim of Koobface, a worm that could steal critical and personal information from your computer.

The government’s India Computer Emergency Response Team has warned that Koobface, a play on the name of social networking site Facebook, comes with an enticing tagline and spreads by spamming the contacts of the victim on networking sites.

With more than 3 million members of Facebook in India alone, Koobface’s potential for wreaking havoc on the country’s computer systems is immense — a fact that has prompted the government to issue the warning alert.

Typically, Koobface victims get a message from one of their contacts inviting them to click on a video link. The link leads you to a site mimicking the video-sharing site, Youtube. Once there, you are asked whether you want to download a software needed to watch the video.

If you click ‘yes’, the worm gets activated. It not only disrupts your internet experience by sending your searches on engines like Google elsewhere and returning garbled replies, it also steals data that may have been left in your computer’s memory. CYBER ATTACK

Koobface cure: Delete files added by worm

New Delhi: Typically, Koobface victims get a message from one of their contacts inviting them to click on a video link.

If you have already been Koobfaced the only way to protect your machine is to delete all files and registry keys that have been added by the worm. Internet users have also been advised by the government agency to

install and maintain updated antivirus software in their computers, as also a desktop firewall, and block ports which are not required.

While you may not be able to notice the worm rummaging through your electronic files searching for personal data, including passwords, the visible signs of the worm would show up on your internet browsing where you would get abnormal results to your searches and be misdirected to other sites.

मंगलवार, 11 अगस्त 2009

इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1)

इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1)
इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) एक इंफ्लुएंजा वायरस है, जिससे लोगों में बीमारी और मौत हो सकती है। इसे पहले स्‍वाइन फ्लू के नाम से जाना जाता था। यह बीमारी अप्रैल 09 में मेक्सिको से शुरू हुई, तब से यह वायरस दुनिया भर के अनेक देशों में फैल गया है। प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चलता है कि इस वायरस के कई जीन्‍स उत्तरी अमेरिका के सुअरों में पाए जाने वाले जीनों के समान है, इसी लिए इस रोग को मूलत: स्‍वाइन फ्लू कहा जाता था। आगे चल कर कुछ अन्‍य परीक्षणों से यह सिद्ध हुआ है कि इस वायरस में सुअरों के जीन के हिस्‍से होने के साथ कुछ पक्षियों और मानव फ्लू वायरस के समान जीन भी पाए जाते हैं। इस जानकारी के निर्णय से वैज्ञानिकों ने इसके पिछले नाम को हटाकर अब से ‘इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1)’ किया है। स्‍वाइन फ्लू - अधिक जानकारी। (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) के लक्षण
इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) के लक्षण नियमित मौसमी फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन्‍हें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर में दर्द, कंपकंपी और थकान महसूस हो सकती है। कुछ रोगियों को दस्‍त और उल्‍टी आने की समस्‍या भी हो सकती है।

ऐसा माना जाता है कि फ्लू का वायरस उन छोटी छोटी बूंदों के जरिए एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में फैल सकता है जो संक्रमित व्‍यक्ति की नाक या मुंह से छींक या खांसी के दौरान बाहर आती हैं। इस रोग के साथ सुअरों का कोई लेना देना नहीं है। यदि सुअर के मांस से बने उत्‍पादों को अच्‍छी तरह पका कर खाया जाए तो सुअरों से डरने की कोई जरूरत नहीं है।

सामान्‍य सावधानियां
वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ये कुछ सावधानियां हैं

जब भी आप छींकें या खांसें तो मुंह और नाक पर टिश्‍यू रखें। इस टिश्‍यू को उपयोग के बाद फेंक दें।
खांसने और छींकने के बाद अपने हाथ अच्‍छी तरह धो लें।
अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें, क्‍योंकि किसी रास्‍ते कीटाणु फैलते हैं।
सांस की बीमारी वाले रोगियों से दूर रहें।
यदि किसी व्‍यक्ति को इंफ्लुएंजा के समान लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे लोगों से संपर्क नहीं करना चाहिए और घर पर ही रहना चाहिए। जबकि, श्‍वसन तनाव के मामले में उसे देर किए बिना नजदीकी अस्‍पताल में जाना चाहिए।
अपने स्‍वास्‍थ्‍य की देखभाल करें, अच्‍छी तरह नींद लें, नियमित रूप से व्‍यायाम करें, तनाव का प्रबंधन करें, ढेर सारे तरल पदार्थ लें और पोषक भोजन लें।
इस रोग के उपचार के लिए भारत में दवाएं उपलब्‍ध हैं। सरकार ने ना‍मनिर्दिष्‍ट अस्‍पतालों में अनिवार्य निविदाओं की पर्याप्‍त मात्रा का प्रापण और भंडार किया है। ना‍गरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने आप दवाएं लेकर सेवन नहीं करें, क्‍योंकि इससे उनके शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा शक्ति में कमी आएगी।

सरकार ने हवाई मार्ग, सड़क मार्ग या समुद्री रास्‍ते से प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों में इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) का पता लगाने और उनके संगरोध की कार्यनीति भी तैयार की है। पूरे देश में छानबीन, परीक्षण और उपचार की एक मानक प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यदि आपने पिछले 10 दिनों के दौरान प्रभावित देशों में से किसी देश की यात्रा की है और आपको इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) के लक्षण दिखाए देते हैं तो कृपया नजदीकी अस्‍पताल में जाए या महामारी निगरानी प्रकोष्‍ठ से 011-23921401 पर संपर्क करें।

सोमवार, 10 अगस्त 2009

क्षणिकाएं : पूर्णिमा वर्मन

क्षणिकाएँ

पूर्णिमा वर्मन



खिलखिलाते लुढ़कते दिन
बाड़ से- आँगन तलक
हँसकर लपकते रूप
झरती धूप



फुरफुराती
दूब पर चुगती चिरैया
चहचहाती झुंड में
लुकती प्रकटती
छोड़ती जाती
सरस आह्लाद के पदचिह्न



फिर मुँडेरों पर झुकी
गुलमोहर की बाँह,
फिर हँसी है छाँह
फिर हुई गुस्सा सभी पर धूप
क्या परवाह?



ताड़ के डुलते चँवर
वैशाख के दरबार
सड़कें हो रही सूनी
कि जैसे
आ गया हो कोई तानाशाह



रेत की आँधी
समंदर का किनारा
तप रहा सूरज
औ'
नन्हा फूल
कुम्हलाता बेचारा



एक आँगन धूप का
एक तितली रंग
एक भँवरा गूँजता दिनभर
एक खिड़की-
दूर जाती सी सड़क के साथ
जैसे गुनगुनाती आस

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रविवार, 9 अगस्त 2009

कविता: भिक्षुक -राजीव कुमार वर्मा,

एक कविता

भिक्षुक

राजीव कुमार वर्मा, पेंड्रारोड

बैठा भिक्षुक गंगा तट पर,

दुआ माँगता हाथ उठाकर.

राहगीर से करता विनती,

अनगिन कभी न करता गिनती.

कोई भर जाता है झोली

कोई जाता नजर चुराकर,

बैठा भिक्षुक गंगा तट पर...

मैली धोती तन पर पहना,

फटी बिमाई पग का गहना.

मुख पर दरिद्रता की छाया,

झुकी भर से उसकी काया.

कभी भूख को गले लगाता,

भोग कभी पाता है छककर.

बैठा भिक्षुक गंगा तट पर...

मिला पीठ से पेट एक है,

करता प्रभु से दुआ नेक है.

फिरे नगर में मारा-मारा,

भिक्षाटन करता बेचारा.

चलता कभी, कभी रुक जाता,

कभी बैठ जाता है थककर.

बैठा भिक्षुक गंगा तट पर...

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हर पहर ...

हर पहर ...
राजीव शर्मा
उमरिया म.प्र.

सुबह है तेरे
पांव की पायल
शाम है तेरे
आंख का काजल
और दोपहर
ऐसे जैसे
तूने ली हो अंगड़ाई

हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि



हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि
अंशलाल पंद्रे


हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि
हे दिव्य अमृतृनंद सांई हरि

राम रहीम गुरु कृृ्ण करीम
दीन दुखी जनजन के हकीम
हे ब्रह्म आत्मानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि

वेद पुरान बाइबिल कुरान
अध्यात्म शिरोमणि सांई सुजान
देवज्ञ ज्ञानानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि


सांई सदगुरु अंतरयामी
सागर दया के मंगल स्वामी
श्रीमंत हृदयानंद साई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि


करुणानिधान कल्याणु कृपालु
दीनानाथ दयामय दयालु
श्री संत परमानंद सांई हरि
हे दिव्य सच्चिदानंद सांई हरि

अंशलाल पंद्रे