कुल पेज दृश्य

बुधवार, 8 सितंबर 2021

हाइकु सलिला

हाइकु सलिला

*
हाइकु करे
शब्द-शब्द जीवंत
छवि भी दिखे।
*
सलिल धार
निर्मल निनादित
हरे थकान।
*
मेघ गरजा
टप टप मृदंग
बजने लगा।
*
किया प्रयास
शाबाशी इसरो को
न हो हताश
*
जब भी लिखो
हमेशा अपना हो
अलग दिखो।
८-९-२०१९
*

कोई टिप्पणी नहीं: