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रेवा तट से जबलपुर, स्वागत करे सहर्ष
चंबल तट कोटा बसा, पाए नव उत्कर्ष
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जहाँ कृष्ण गोविन्द हैं, वहीं विजय विश्वास
गीता शोभा देश की, आशा इससे खास
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मैं भारत कहती निशा, उषा कहे सत्य
जहाँ कृष्ण गोविन्द हैं, वहीं विजय विश्वास
गीता शोभा देश की, आशा इससे खास
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मैं भारत कहती निशा, उषा कहे सत्य
करतल ध्वनि कर दुपहरी, रजनी सह खुश नित्य
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मैं भारत हूँ किले का, परकोटा मजबूत
मैं भारत हूँ किले का, परकोटा मजबूत
विजय ध्वजा फहरा सलिल, कोशिश करें अकूत
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गाँधी की आँधी उठे, तो मिटता अंधेर
मैं भारत हूँ मिल कहे, जनगण करे न देर
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मधु वाणी सारिका की, सुन हो विश्व अशोक
मैं भारत हूँ घोष कर, बदल सकें हम लोक
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वेद प्रकाश हरे तिमिर, सपना हो साकार
नयन प्रकाश विनीत हो, हो भारत गलहार
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जनगण-मन है लोकमणि, ममता मन में खूब
मैं भारत हर जन कहे, नित्य ख़ुशी में डूब
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ललित छटा घनश्याम की, कानबिहारी देख
'मैं भारत हूँ' कह हँसे, समय करेगा लेख
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पुष्पा देख सरोज को, अरुण करे जयघोष
मैं भारत था हूँ रहूँ, मिले तभी संतोष
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आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल', ९४२५१८३२४४
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