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गुरुवार, 16 जुलाई 2020

एकदा जबलपुरे .... पृथ्वी पर अश्वत्थामा


एकदा जबलपुरे ....
पृथ्वी पर अश्वत्थामा
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कुरुक्षेत्र युद्ध के पश्चात् अपने प्रिय मित्र दुर्योध के वध का बदला लेने हेतु अश्वत्थामा ने अपने ब्रह्मास्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ की ओर कर दी। तब श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम तीन हजार वर्ष तक इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे और किसी भी जगह, किसी इंसान के साथ तुम्हारी बातचीत नहीं हो सकेगी। महाभारत का युद्ध ३०००  ईसा पूर्व होना मानें तो अब तक इस घटना के लगभग ५०००  वर्ष पूर्ण हो चुके हैं ।आधुनिक शोध के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ३११२ ईसा पूर्व हुआ था, लेकिन आर्यभट्ट के अनुसार  ३१३७  ईपू में महाभारत का युद्ध हुआ था। ब्रिटेन में कार्यरत न्यूक्लियर मेडिसिन के फिजिशियन डॉ. मनीष पंडित ने महाभारत में वर्णित १५० खगोलीय घटनाओं के संदर्भ में कहा कि महाभारत का युद्ध २२ नवंबर ३०६७ ईसा पूर्व हुआ था। तब  कृष्ण ५५-५६ वर्ष के थे। उन्होंने अपनी खोज के लिए टेनेसी के मेम्फिन यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. नरहरि आचार्य द्वारा २००४-०५ में किए गए शोध का हवाला दिया था।'माथुर चतुर्वेदी ब्राह्मणों का इतिहास' के लेखक बालमुकुंद चतुर्वेदी परंपरा से प्राप्त इतिहास एवं पीढ़ियों की उम्र की गणना करने के बाद बताते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म ३११४ विक्रम संवत पूर्व हुआ था। किसी भी गणना को सही मानें  अश्‍वत्थामा २००० वर्ष पूर्व ही शाप से मुक्त हो चुके हैं और अब उनके जिंदा होने की संभावना नहीं  है। 
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