एक षटपदी
विषधर की अभिराम छवि
संजीव
*
विषधर की अभिराम छवि देख हुए हैरान
ज्यों नेता इस देश के दिखें न--- हैं शैतान
दिखें न हैं शैतान मोहकर जनगण का मन
संसद में जन सेवा का करते हैं मंचन
घपला करने का न चूकते अफसर अवसर
शासन और प्रशासन ही हैं असली विषधर
***
विषधर की अभिराम छवि
संजीव
*
विषधर की अभिराम छवि देख हुए हैरान
ज्यों नेता इस देश के दिखें न--- हैं शैतान
दिखें न हैं शैतान मोहकर जनगण का मन
संसद में जन सेवा का करते हैं मंचन
घपला करने का न चूकते अफसर अवसर
शासन और प्रशासन ही हैं असली विषधर
***
3 टिप्पणियां:
guddo dadi
झन्नाटे दार
विषधर के भ्रामक सौन्दर्य पर आपकी
कुण्डली-विधा में सचित्र रचना भी सटीक व सामयिक
लगी ।
आपकी लेखनी को नमन ।
सादर
कमल
Kusum Vir द्वारा yahoogroups.com
बहुत ख़ूब आचार्य जी l
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