आदर्शिनी श्रीवास्तव
जन्म - २६ जून १९६४, गोंडा उत्तर प्रदेश।
आत्मजा - श्रीमती सिद्धेश्वरी - डॉ. कृष्ण प्रसाद श्रीवास्तव।
जीवन साथी- श्री अभय कुमार श्रीवास्तव।
शिक्षा - स्नाकोत्तर हिंदी साहित्य।
प्रकाशन - कवितायेँ तपस्विनी, गीत नाद और झंकार, पत्र-पत्रिकाओं में।
संपर्क - १/८१ श्रद्धापुरी, फेज-१, कंकरखेड़ा, मेरठ २५०००१ उत्तर प्रदेश।
चलभाष - ९४१०८८७७९४, ८७५५९६७५६७ । ईमेल - srivastava.adarshini@gmail.com ।
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मोबाइल- 9410887794सरस्वती वंदना १
वागेश्वरी पर नत नयन शिर पुष्प और संदल दिया
नैवेद्य भी अर्पित किया और भावना का जल दिया
नैवेद्य भी अर्पित किया और भावना का जल दिया
ना भूलवश या दम्भ से हो आपकी अवहेलना
हो भक्तिपूरित प्राण मन जबतक रहे ये चेतना
हूँ दण्डवत सौंपी है जो निधि सूझ की और बुद्धि की
माँ प्रेरणा से आपकी इसमे है भरसक वृद्धि की
मै गीत लिख दूँ छंद लिख दूँ ताल पर संगत करूँ
आभार है माँ शारदे जो आपने संबल दिया
हो भक्तिपूरित प्राण मन जबतक रहे ये चेतना
हूँ दण्डवत सौंपी है जो निधि सूझ की और बुद्धि की
माँ प्रेरणा से आपकी इसमे है भरसक वृद्धि की
मै गीत लिख दूँ छंद लिख दूँ ताल पर संगत करूँ
आभार है माँ शारदे जो आपने संबल दिया
सुखदायिनी, भुवनेश्वरी उज्ज्वल वसन मे शोभती
कोमल-हृदय हेमांगिनी वसु आपकी जय बोलती
आकर हमारी इस सभा में वन्दना स्वीकारिये
हम है प्रतीक्षारत यहाँ वरदान देकर तारिये
हम गीत गाते ही रहे माँ आपकी स्तुति गान के
माँ आपकी आराधना और प्रार्थना पर बल दिया
कोमल-हृदय हेमांगिनी वसु आपकी जय बोलती
आकर हमारी इस सभा में वन्दना स्वीकारिये
हम है प्रतीक्षारत यहाँ वरदान देकर तारिये
हम गीत गाते ही रहे माँ आपकी स्तुति गान के
माँ आपकी आराधना और प्रार्थना पर बल दिया
सरस्वती वंदना १
शारदे घर मे हमारे आइये शुभ स्वागतम्
कंठ में कवि की उतर कर गाइये शुभ स्वागतम्
कंठ में कवि की उतर कर गाइये शुभ स्वागतम्
भाव, लय, शब्दों की मन मे धार जबसे है बही
सच कहूँ माँ इस हृदय में ध्यान मे हैं आपही
बस इसी तरह मनस पर छाइये शुभ स्वागतम्
सच कहूँ माँ इस हृदय में ध्यान मे हैं आपही
बस इसी तरह मनस पर छाइये शुभ स्वागतम्
आपने जो भी दिया माँ शारदे अभिभूत हूँ
धैर्य, संयम, गुण क्षमा का पाके ही मजबूत हूँ
दे के आशीर्वाद सबको तारिए शुभ स्वागतम्
धैर्य, संयम, गुण क्षमा का पाके ही मजबूत हूँ
दे के आशीर्वाद सबको तारिए शुभ स्वागतम्
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