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मंगलवार, 6 मार्च 2012

होली पे विशेष- कबीरा सा...रा...रा...रा... --संजीव 'सलिल'

होली पे विशेष-
कबीरा सा...रा...रा...रा...
संजीव 'सलिल'
*
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...
पिचकारी ले कलम की, शब्द-रंग के सँग,
फगुआ के अगुआ कमल, चढ़ा रहे हैं भंग..
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...
ठंडाई छिप छानते, मिल अनूप-घनश्याम.
झपट-छीन गायब हुईं, शार्दूला हे राम.. 
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...
किसने किसके गाल को रंगा, बताये कौन?
श्रीप्रकाश-अमिताभ हँस, ढोल बजायें मौन..
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...
कुसुम रंग राकेश पर, आतिश रहे उछाल.
खुद के रंग से खुद रंगे, खिलखिलाए महिपाल..
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

मंजु मँजीरा मुदित मन, बजा रहीं हैं झूम.
होरी गाकर दीप्ति ने, मचा रखी है धूम.
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

नीले थे हो गये हैं, पीले-लाल महेश.
गौरा ने रंग दिया या, मदन-विजय-मद शेष?
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

पाठक के आनंद की, किरण अचल संतोष.
सज्जन हुरियारे हुए, मौसम को दें दोष.
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

सँग सुरेन्द्र-गोविंद का, बनकर रास-हुलास.
श्यामल को गौरा कहें, कर मुकेश परिहास..
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

खाट खड़ी कर फूँकते, होली जला प्रताप.
'सलिल' घोल हर रंग को, अपना लेता आप..
कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...

****

 

 
Acharya Sanjiv verma 'Salil'

http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in



9 टिप्‍पणियां:

Mahipal Singh Tomar ✆ ने कहा…

Mahipal Singh Tomar returns.groups.yahoo.com ekavita
mstsagar@gmail.com

The Poet of the Year
&
The Poetry of the M O M E N T S

ब धा ई सा ...रा ...रा ...रा..~~~~~~~

महिपाल ,७/३/१२

Divya Narmada ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
mukku41@yahoo.com ने कहा…

Mukesh Srivastava ✆ ekavita


Bahut pyare Rang bikhere
Sanjeev jee -

bahut bahut murkaan holi kee

mukesh ilaahaabaadee

akpathak317@yahoo.co.in ने कहा…

anand pathak ✆ akpathak317@yahoo.co.in yahoo groups.com ekavita-
होली के इस रंग से ’सलिल’जी

भींग गया तन-मन सारा............

कबीरा सा..रा..रा..
अबीरा मल दो यारा...
सादर
आनन्द पाठक,जयपुर
my blog for GEET-GAZAL-GEETIKA http://akpathak3107.blogspot.com

my blog for HINDI SATIREs(Vyang)http://akpathak317.blogspot.com

Deepti09sharma@gmail.com ने कहा…

Deepti Sharma ✆ yahoogroups .com ekavita


अहा वाह वाह वाह..

prakashgovind1@gmail.com ने कहा…

prakash govind ✆ yahoogroups.com
ekavita- prakashgovind1@gmail.com

वाह सलिल जी वाह
ये हुआ होली का असली धमाल
जब तक माहौल में 'कबीरा सा..रा..रा...' का रंग न हो होली का आनंद नहीं आता !
आप तो छा गए .....!

✆ dkspoet@yahoo.com ने कहा…

dks poet ✆ dkspoet@yahoo.com ekavita


आदरणीय सलिल जी
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ
सच है कि जोगिया सा रा रा रा के बिना होली अधूरी ही रहती है।
सादर

धर्मेन्द्र कुमार सिंह ‘सज्जन’

vijay2@comcast.net ने कहा…

vijay2 ✆ yahoogroups.com ekavita


आ० ’सलिल” जी,

होली मुबारक और अच्छी रचना के लिए बधाई ।

विजय

shar_j_n ✆ shar_j_n@yahoo.com ekavita ने कहा…

आदरणीय आचार्य सलिल जी,
आप तो हर विधा में अनुपम ही लिखते हैं.

बहुत ही प्यारा "कबीरा सा रा रा ..."
हर रंग को घोल कर सत्य ही अपनाते हैं.