चित्र पर रचना
छंद:- सरसी मिलिंद पाद छंद
विधान:-16 ,11 मात्राओं पर यति
चरणान्त:- गुरू लघु
संजीव वर्मा 'सलिल'
*
दिग्दिगंत-अंबर पर छाया
नील तिमिर घनघोर
निशा झील में उतर नहाये
यौवन-रूप अँजोर
चुपके-चुपके चाँद निहारे
बिम्ब खोलता पोल
निशा उठा पतवार, भगाये
नौका में भूडोल
'सलिल' लहरियों में अवगाहे
निशा लगाये आग
कुढ़ चंदा दिलजला जला है
साक्षी उसके दाग
घटती-बढ़ती मोह-वासना
जैसे शशि भी नित्य
'सलिल' निशा सँग-साथ साधते
राग-विराग अनित्य
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