आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान की संसद में सुनाई गई कविता :
पहले किराया बढ़ाया रेल का,
फिर नम्बर आया तेल का
खुद ही दस साल करते रहे नुक्ता-चीनी,
आते ही 2 रुपये किलो महंगी कर दी चीनी
हर कोई सपने दिखाकर
फिर नम्बर आया तेल का
खुद ही दस साल करते रहे नुक्ता-चीनी,
आते ही 2 रुपये किलो महंगी कर दी चीनी
हर कोई सपने दिखाकर
आम आदमी को ठग रहा है,
आम लोगों को डर अब चीन से नहीं,
आम लोगों को डर अब चीन से नहीं,
चीनी से लग रहा है
दुनिया मून पर,
सरकार हनीमून पर
पूछ रहे पूरे देश के चाय वाले हैं,
महंगाई की वज़ह से
दुनिया मून पर,
सरकार हनीमून पर
पूछ रहे पूरे देश के चाय वाले हैं,
महंगाई की वज़ह से
खाली चाय के प्याले हैं
लोगों को तो बस
लोगों को तो बस
दो वक्त की रोटी के लाले हैं
सरकार जी बता दीजिये -
सरकार जी बता दीजिये -
अच्छे दिन कब आने वाले हैं?
शायद पता नहीं है कि
ईराक है किस इलाके में
भारतीय ईराक में फंसे हैं
भारतीय ईराक में फंसे हैं
विदेश मंत्री सुषमा जी गईं थीं ढाके में
बंगला देश को ये विदेश मंत्रालय
बंगला देश को ये विदेश मंत्रालय
क्या दस दिन बाद नहीं जा सकता था ?
क्या कंधार की तर्ज़ पर
क्या कंधार की तर्ज़ पर
विदेश मंत्री का जहाज बगदाद नहीं जा सकता था
हमारे देश के लोग बहुत हिम्मत वाले हैं
जिन्होंने इस महंगाई के दौर में भी बच्चे पाले हैं
लूटने वाले ज़्यादा,
हमारे देश के लोग बहुत हिम्मत वाले हैं
जिन्होंने इस महंगाई के दौर में भी बच्चे पाले हैं
लूटने वाले ज़्यादा,
बस गिनती के रखवाले हैं
प्लीज़ सरकार जी बता दीजिये-
प्लीज़ सरकार जी बता दीजिये-
अच्छे दिन कब आने वाले हैं ?
मेरे सपने में
कल रात बुलेट ट्रेन आई,
मैंने कहा: 'जी बधाई हो बधाई !
सुना है तुम मेरे देश आ रही हो ?
मेरे देश की तरक्की की स्पीड बढ़ा रही हो ?
बुलेट ट्रेन बोली-
मैंने कहा: 'जी बधाई हो बधाई !
सुना है तुम मेरे देश आ रही हो ?
मेरे देश की तरक्की की स्पीड बढ़ा रही हो ?
बुलेट ट्रेन बोली-
मेरा शिकवा किसी गाय या भैंस से नहीं
अरे! मैं बिजली से चलती हूँ,
अरे! मैं बिजली से चलती हूँ,
गोबर गैस से नहीं.
प्रधानमंत्री मोदी जी के भाषण,
प्रधानमंत्री मोदी जी के भाषण,
लोगों को खूब जंचे हैं
एक ही राहत की बात है
एक ही राहत की बात है
कि विदेशों से काला धन वापस आने में
मात्र 50 दिन बचे हैं
हम तो आम आदमी पार्टी वाले हैं
हमने तो हर सरकार से डण्डॆ खाले हैं
हमने तो सड़कों पर और पार्लियामेंट में
हम तो आम आदमी पार्टी वाले हैं
हमने तो हर सरकार से डण्डॆ खाले हैं
हमने तो सड़कों पर और पार्लियामेंट में
ये पूछने के लिए ही मोर्चे सम्हाले हैं
कि अ..च्छे दि..न क..ब आ..ने वा..ले हैं?
कि अ..च्छे दि..न क..ब आ..ने वा..ले हैं?
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