टिकट संग्रह | |
डाक टिकटों पर कमल १९७७ में भारत द्वारा जारी डाकटिकट संपूर्ण विश्व की संस्कृति को जिस प्रकार कमल के फूल ने प्रभावित किया है उसको देखते हुए अनेक देशों के डाकटिकटों पर कमल की उपस्थिति स्वाभाविक ही है। भारत और वियतनाम का तो यह राष्ट्रीय पुष्प भी है इसलिए इन दोनो देशों के डाकटिकटों पर कमल का चित्र होना सबसे महत्त्वपूर्ण है। १ जुलाई १९७७ को डाक विभाग द्वारा जारी किए गए ऊपर दिखाए गए २५ पैसे के डाकटिकट को ४ डाकटिकटों के एक सेट के साथ जारी किया गया था। अन्य फूल थे- कदंब, बुरांस और करिहारी। यों तो वियतनाम में कमल के फूल पर की शृंखलाएँ जारी की गई हैं लेकिन १९७८ में तीन रंगों वाली एक विशेष शृंखला जारी की गई थी जिसमें कमल की तीन प्रजातियों को सफेद, नीले और पीले रंगों में चित्रित किया गया था। एक और बारह वियतनामी डालर मूल्य वाले इन डाक टिकटों पर फोटो के स्थान पर कलाकृतियों को स्थान दिया गया है। चीन अपनी जलरंगों द्वारा बनी कलाकृतियों के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। चीन के डाक विभाग द्वारा ४ अगस्त १९८० को कला की इसी विधा पर आधारित एक अत्यंत आकर्षक डाकटिकट जारी किया गया था। बेजिंग पोस्टेज स्टाम्प प्रिंटिंग प्रेस द्वारा मुद्रित इस टिकट के कलाकार थे चेन ज़ियांकुन। ७०.५२ मिमि के बड़े आकार वाले ९४ फेन मूल्य के इस डाकटिकट पर पत्तों के साथ कमल को जिस कुशलता से चित्रित किया है वह चीनी जलरंगों के तरल सौदर्य का सटीक उदाहरण है। मलेशिया द्वारा ३१ दिसंबर २००७ को जारी बगीचे के फूलों पर आधारित ६ डाकटिकटों के एक सेट में कमल के फूल को स्थान दिया गया है। अपनी समृद्ध और अनगिनत पुष्प प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध मलेशिया के सबाह और सरवक प्रांत की स्वस्थ जलवायु में फूल बहुतायत से उगते हैं। डाक-टिकटों के इस सेट पर ५ से ५० सेन मूल्य वाले टिकटों पर कमल के अतिरिक्त गुड़हल, बोगनविला, मार्निंग ग्लोरी, लिली और हाइड्रेन्जिया को स्थान दिया गया है। इसके साथ ही एक बड़ा सुंदर प्रथम दिवस आवरण भी जारी किया गया है। इसे डाकटिकट पर क्लिक कर के देखा जा सकता है। अत्यंत आकर्षक प्रथम दिवस आवरण के साथ १४ मार्च २००८ को जारी कमल का एक और टिकट हांगकांग का है। सुंदर बगीचे की पृष्ठभूमि वाले इस प्रथम दिवस आवरण के साथ छह टिकटों को जारी किया गया था पारंपरिच चीनी शैली में बनी इन फूलों वाली कलाकृतियों के लिए प्रथम दिवस आवरण को कंप्यूटर पर तैयार कर के इसे आधुनिक और पारंपरिक कला के नमूने के रूप में प्रकाशित किया गया था। इस पर लाल चीनी पलाश और गुडहल, गुलाबी कमल और अज़ेलिया, बैंगनी मार्निंग ग्लोरी और पीले अलामांडा के चित्र थे। १९६४ में स्विटज़रलैंड द्वारा कमल का एक सुंदर डाक टिकट प्रकाशित किया गया था। नीले रंग की पृष्ठभूमि पर निम्फिया अल्बा नामक श्वेत कमल के चित्र वाले इस टिकट का मूल्य ५० स्विस फ्रैंक था। इस शृंखला में दो चित्र और प्रकाशित किए गए थे जिसमें एक पर डौफोडिल और दूसरे पर गुलाब के चित्र अंकित किए गए थे। इस शृंखला में प्रकाशित अन्य टिकटों पर डैफोडिल और गुलाब के फूलों के चित्र प्रकाशित किए गए थे। इसी प्रकार २००२ में आस्ट्रेलिया द्वारा कमल पर आधारित दो टिकटों वाली एक सुंदर टिकट शृंखला प्रकाशित की गई थी। इसमें एक पर गुलाबी कमल था तो दूसरे पर नील कमल। २००६ में कमल पर ही एक और शृंखला जारी की गई जिसमें कमल की अलग अलग पाँच प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया था। २००७ में यू एस के प्रांत ओरेगन के डाक विभाग ने फूलों के सुंदर चित्रों वाली १० टिकटों की एक शृंखला ब्यूटीफुल ब्लूम्स शीर्षक से प्रकाशित की थी जिसमें वाटर लिली के फूल को भी स्थान मिला था। कैलिफोर्निया प्रांत के कुलवर सिटी निवासी फोटोग्राफर मार्क लीटा ने इन टिकटों के लिए फोटोग्राफी की थी। कला निर्देशक कार्ल टी हरमन के निर्देशन में बने इन टिकटों के स्पष्ट दृश्यों के लिए इनके मुद्रण का स्तर बहुत अच्छा रखा गया था। इसके साथ जिन अन्य फूलों को शामिल किया गया था उनमें आइरिस, मंगोलिया, डहेलिया, लाल जरबेरा, कोन फ्लावर, ट्यूलिप, पौपी, गुलदावदी और नारंगी जरबेरा थे। ९ अक्तूबर २००६ को यूक्रेन द्वारा १८ टिकटों की एक शृंखला २००१ से २००६ तक जारी विशिष्ट टिकटों की स्मृति में जारी की की गई थी। १६० x ११० मिली मीटर आकार के एक पत्र (शीट) पर प्रकाशित इन स्मारक टिकटों में एक टिकट पर श्वेत कमल का चित्र प्रकाशित किया गया था। इस पत्र के हाशियों पर सुंदर चित्रकारी की गई थी और दो भाषाओं यूक्रेन व रूसी में विवरण लिखा गया था- यूक्रेन के विशेष टिकटों का पाँचवाँ और छठा संस्करण। बायीं ओर के चित्र में नीचे की पंक्ति में बीच वाले टिकट पर श्वेत कमल के चित्र को देखा जा सकता है। इनकी ३०० प्रतियों को १०वी राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी में लोगों का ध्यान यूक्रेन के डाकटिकटों की ओर आकर्षित करने के लिए भेजा गया था। इस पूरे चित्र को बायीं और के चित्र को क्लिक कर के देखा जा सकता है। १५ नवंबर २००८ को थाईलैंड पोस्ट ने कमल के फूलों के ४ टिकटों की एक शृंखला जारी की थी। इस पर कमल की चार परिष्कृत जातियों के चित्र थे। इन फूलों को प्रयोगशाला में मेक्सिकाना और पेरिस फाइव ओ जातियों से परिष्कृत कर के विकसित किया गया है। परिष्कार करनेवाले वैज्ञानिक का नाम प्रो. डॉ. नोपाचाई चान्सिल्वा भी इसके साथ वितरित जानकारी पर अंकित किया गया था। इन कमल के फूलों में घनी पंखुड़ियों की कई तहें विकसित की गई हैं। अलग अलग रंगों के फूलों के संकर से इन्हें नए मिश्रित रंग भी प्रदान किए गए हैं। दाहिनी ओर के चित्र पर क्लिक कर के चार टिकटों वाली इस शृंखला के सभी चित्रों को देखा जा सकता है। स्लोवानिया के डाक विभाग द्वारा २६ सितंबर २००७ को श्वेत कमल के चित्र वाला एक डाकटिकट जारी किया था। इसे ६०x७० मिली मीटर के एक आकर्षक पत्र (शीट) पर ४ रंगों वाली आफसेट प्रिंटिंग में प्रकाशित किया गया था तथा बाहरीन के ओरिंएँटल प्रेस में इसकी छपाई हुई थी। बेली लोकवांज नामक स्लोवाकियन श्वेत कमल की यह प्रजाति पर लुप्त होने का संकट मंडरा रहा है। एक ओर जहाँ परागण के कारण इसका रंग बिगड़ने का डर बना रहता है वहीं दूसरी ओर कुछ मछलियों का यह अत्यंत प्रिय आहार है। रंगीन प्रजातियाँ आकर्षक दिखने के कारण लोग अपने बगीचों के लिए श्वेत कमल खरीदना अधिक पसंद नहीं करते इस कारण इसके उगाने में भी लोगों की रुचि कम हो रही है। साभार : अभिव्यक्ति *************************************** | |
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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शनिवार, 10 जुलाई 2010
डाक टिकटों पर कमल -- पूर्णिमा वर्मन --
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आचार्य संजीव वर्मा सलिल
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