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बुधवार, 28 मार्च 2018

पत्रिका सूची १


पत्रिका सूची १
१ . हंस, संजय सहाय (संपादक), editorhans@gmail.com
२ . पाखी, प्रेम भारद्वाज (संपादक), premeditor@gmail.com, pakhimagazine@gmail.com
३ . बया, गौरीनाथ (संपादक), rachna4baya@gmail.com
४ . पहल, ज्ञानरंजन (संपादक), edpahaljbp@yahoo.co.in, editorpahal@gmail.com 
५ . अंतिम जन- दीपक श्री ज्ञान (संपादक)- antimjangsds@gmail.com, 2010gsds@gmail.com
६ . समयांतर- पंकज बिष्ट (संपादक)- samayantar.monthly@gmail.com, samayantar@yahoo.com
७ . लमही- विजय राय (संपादक)- vijayrai.lamahi@gmail.com
८ . पक्षधर- विनोद तिवारी (संपादक)- pakshdharwarta@gmail.com
९ . अनहद- संतोष कुमार चतुर्वेदी (संपादक)- anahadpatrika@gmail.com
१० . नया ज्ञानोदय- लीलाधर मंडलोई (संपादक)- nayagyanoday@gmail.com, bjnanpith@gmail.com
११ . स्त्रीकाल, संजीव चन्दन (संपादक), themarginalized@gmail.com, 
१२ . बहुवचन- अशोक मिश्रा (संपादक)- bahuvachan.wardha@gmail.com
१३ . अलाव- रामकुमार कृषक (संपादक)- alavpatrika@gmail.com
१४ . बनासजन- पल्लव (संपादक)- banaasjan@gmail.com
१५ . व्यंग्य यात्रा, प्रेम जनमेजय (संपादक), vyangya@yahoo.com, premjanmejai@gmail.com
१६ . अट्टहास (हास्य व्यंग्य मासिक), अनूप श्रीवास्तव (संपादक), anupsrivastavalko@gmail.com
१७ . उद्भावना- अजेय कुमार (संपादक)- udbhavana.ajay@yahoo.com
१८ . समकालीन रंगमंच- राजेश चन्द्र (सम्पादक)- samkaleenrangmanch@gmail.com
१९ . वीणा-राकेश शर्मा,veenapatrika@gmail.com
२० . मुक्तांचल-डॉ मीरा सिन्हा,muktanchalquaterly2014@gmail.com,
२१ . शब्द सरोकार-डॉ हुकुमचन्द राजपाल,sanjyotima@gmail.com,
२२ . लहक-निर्भय देवयांश,lahakmonthly@gmail.com
२३ . पुस्तक संस्कृति। संपादक पंकज चतुर्वेदी।editorpustaksanskriti@gmail.com
२४ . प्रणाम पर्यटन हिंदी त्रैमासिक संपादक प्रदीप श्रीवास्तव लखनऊ उत्तर प्रदेश
२५ . PRANAMPARYATAN@YAHOO.COM
२६ . समालोचन वेब पत्रिका, अरुण देव (सम्पादक), www.samalochan.com, devarun72@gmail.com
२७ . वांग्मय पत्रिका, डॉ. एम. फ़िरोज़. एहमद, (सम्पादक), vangmaya@gmail.com
२८ . साहित्य समीर दस्तक (मासिक), कीर्ति श्रीवास्तव (संपादक), राजकुमार जैन राजन (प्रधान सम्पादक), licranjan2003@gmail.com
२९ . कथा समवेत (ष्टमासिक), डॉ. शोभनाथ शुक्ल (सम्पादक), kathasamavet.sln@gmail.com
३० . अनुगुंजन (त्रैमासिक), डॉ. लवलेश दत्त (सम्पादक), sampadakanugunjan@gmail.com
३१ . सीमांत, डॉ. रतन कुमार (प्रधान संपादक), seemantmizoram@gmail.com
३२ . शोध-ऋतु, सुनील जाधव (संपादक), shodhrityu78@yahoo.com
३३ . विभोम स्वर, पंकज सुबीर (संपादक), vibhomswar@gmail.com, shivna.prakashan@gmail.com
३४ . सप्तपर्णी, अर्चना सिंह (संपादक), saptparni2014@gmail.com
३५ . परिकथा, parikatha.hindi@gmail.com
३६ . लोकचेतना वार्ता, रवि रंजन (संपादक), lokchetnawarta@gmail.com
३७ . युगवाणी, संजय कोथियल (संपादक), Yugwani@gmail.com
३८ . गगनांचल,डॉक्टर हरीश नवल (सम्पादक), sampadak.gagnanchal@gmail.com
३९ . अक्षर वार्ता, प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा (प्रधान संपादक), डॉ मोहन बैरागी (संपादक) aksharwartajournal@gmail.com
४० . कविकुंभ, रंजीता सिंह (संपादक), kavikumbh@gmail.com
४१ . मनमीत, अरविंद कुमार सिंह(संपादक), manmeetazm@gmail.com
४२ . पू्र्वोत्तर साहित्य विमर्श (त्रैमासिक), डॉ. हरेराम पाठक (संपादक), hrpathak9@gmail.com
४३ . लोक विमर्श, उमाशंकर सिंह परमार (संपादक), umashankarsinghparmar@gmail.com
४४ . लोकोदय, बृजेश नीरज (संपादक), lokodaymagazine@gmail.com
४५ . माटी, नरेन्द्र पुण्डरीक (संपादक), Pundriknarendr549k@gmail.com
४६ . मंतव्य, हरे प्रकाश उपाध्याय (संपादक), mantavyapatrika@gmail.com
४७ . सबके दावेदार, पंकज गौतम (संपादक), pankajgautam806@gmail.com
४८ . जनभाषा, श्री ब्रजेश तिवारी (संपादक), mumbaiprantiya1935@gmail.com, drpramod519@gmail.com
४९ . सृजनसरिता (हिंदी त्रैमासिक), विजय कुमार पुरी (संपादक), srijansarita17@gmail.com
५० . नवरंग (वार्षिकी), रामजी प्रसाद ‘भैरव’ (संपादक), navrangpatrika@gmail.com
५१ . किस्सा कोताह (त्रैमासिक हिंदी), ए. असफल (संपादक), a.asphal@gmail.com, Kotahkissa@gmail.com
५२ . सृजन सरोकार (हिंदी त्रैमासिक पत्रिका), गोपाल रंजन (संपादक), srijansarokar@gmail.com, granjan234@gmail.com 
५३ . उर्वशी, डा राजेश श्रीवास्तव (संपादक), urvashipatrika@gmail.com 
५४ . साखी (त्रैमासिक), सदानंद शाही (संपादक), Shakhee@gmail.com
५५ . गतिमान, डॉ. मनोहर अभय (संपादक), manohar.abhay03@gmail.com
५६ . साहित्य यात्रा, डॉ कलानाथ मिश्र (संपादक), sahityayatra@gmail.com
५७ . भिंसर, विजय यादव (संपादक), vijayyadav81287@gmail.com
५८ . सद्भावना दर्पण, गिरीश पंकज (संपादक), girishpankaj1@gmail.com
५९ . सृजनलोक, संतोष श्रेयांस (संपादक), srijanlok@gmail.com
६० . समय मीमांसा, अभिनव प्रकाश (संपादक), editor.samaymimansa@gmail.com
६१ . प्रवासी जगत, डॉ. गंगाधर वानोडे (संपादक), gwanode@gmail.com pravasijagat.khsagra17@gmail.com
६२ . शैक्षिक उन्मेष, प्रो. बीना शर्मा (संपादक), dr.beenasharma@gmail.com
६३ . पल प्रतिपल, देश निर्मोही (संपादक), editorpalpratipal@gmail.com
६४ . समय के साखी, आरती (संपादक), samaysakhi@hmail.in
६५ . समकालीन भारतीय साहित्य, ब्रजेन्द्र कुमार त्रिपाठी (संपादक), secretary@sahitya-akademi.gov.in
६६ . शोध दिशा, डॉ गिरिराजशरण अग्रवाल (संपादक), shodhdisha@gmail.com
६७ . अनभै सांचा, द्वारिका प्रसाद चारुमित्र (संपादक), anbhaya.sancha@yahoo.co.in
६८ . आह्वान, ahwan@ahwanmag.com, ahwan.editor@gmail.com
६९ . राष्ट्रकिंकर, विनोद बब्बर (संपादक), rashtrakinkar@gmail.com
७० . साहित्य त्रिवेणी, कुँवर वीरसिंह मार्तण्ड (संपादक), sahityatriveni@gmail.com
७१ . व्यंजना, डॉ रामकृष्ण शर्मा (संपादक), shivkushwaha16@gmail.com
७२ . एक नयी सुबह (हिंदी त्रैमासिक), डॉ. दशरथ प्रजापति (संपादक), dasharathprajapati4@gmail.com
७३ . समकालीन स्पंदन, धर्मेन्द्र गुप्त 'साहिल' (संपादक), samkaleen.spandan@gmail.com
७४ . साहित्य संवाद , संपादक - डॉ. वेदप्रकाश, sahityasamvad1@gmail.com
७५ . भाषा विमर्श ( अपनी भाषा की पत्रिका), अमरनाथ (प्रधान संपादक), अरुण होता (संपादक), amarnath.cu@gmail.com
७६ . विश्व गाथा, पंकज त्रिवेदी (संपादक), vishwagatha@gmail.com 
७७ . भाषिकी अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल, प्रो. रामलखन मीना (संपादक), prof.ramlakhan@gmail.com
७८ . समवेत, संपादक-डॉ.नवीन नंदवाना, editordeskudr@gmail.com
७९ . तदभव, संपादक: अखिलेश, Akhilesh_tadbhav@yahoo.com
८० . रचना संसार, भारत कात्यायन (संपादक), Rachanasansar@gmail.com
८१ . शब्द सुमन मासिक पत्रिका, सम्पादक-डॉ रामकृष्ण लाल ' जगमग', 2015shabdsuman@gmail.com
८२ . अनुराग लक्ष्य, संपादक- विनोद कुमार, vinodmedia100@gmail.com
८३ . सरस्वती सुमन (मासिक), संपादक- आनन्दसुमन सिंह, saraswatisuman@rediffmail.com
८४ . आधारशिला (मासिक), संपादक- दिवाकर भट्ट, adharshila.prakashan@gmail.com, editor.adharshila@gmail.com
८५ . प्रेरणा-अंशु (राष्ट्रीय मासिक), संपादक- प्रताप सिंह, prernaanshu@gmail.com
८६ . युवादृष्टि (मासिक), संपादक- बी सी जैन, suggestion.abtyp@gmail.com, abtypyd@gmail.com
८७ . संवदिया(सर्जनात्मक साहित्यिक त्रैमासिकी), संपादक- अनीता पंडित, प्रधान संपादक- मांगन मिश्र'मार्तण्ड', Samvadiapatrika@yahoo.com
८८ . सोच विचार, संपादक-डॉ. जितेन्द्र नाथ मिश्र, sochvicharpatrika@gmail.com
८९ . त्रैमासिक आदिज्ञान, संपादक-जीतसिंह चौहान, Adigyaan@gmail.com
९० . पतहर तिमाही, संपादक-विभूति नारायण ओझा, hindipatahar@gmail.com
९१ . चौराहा (अर्द्धवार्षिक), संपादक - अंजना वर्मा, anjanaverma03@gmail.com
९२ . निराला निकेतन पत्रिका बेला, संपादक -संजय पंकज, dr.sanjaypankaj@gmail.com
९३ . इंदु संचेतना(साहित्य परिक्रमा), गंगा प्रसाद शर्मा'गुण शेखर'(प्रधान संपादक),थिएन कपिंग(कार्यकारी संपादक,चीन),बिनय कुमार शुक्ल(संपादक), indusanchetana@gmail.com, indusanchetana.blogspot.in
९४ . समय सुरभि अनंत (त्रैमासिक ), सम्पादक- नरेन्द्र कुमार सिंह, samaysurabhianant@gmail.com
९५ . "औरत " मासिक पत्रिका, संपादक डॉ विधुल्लता ,भोपाल (मध्यप्रदेश), Aurat.vidhu@gmail.com
९६ . वार्ता वाहक-श्रीवत्स करशर्मा(संपादक), vartavahak@gmail.com, 
९७ . नागरी संगम-डॉ हरिपाल सिंह(प्रधान संपादक), nagrilipiparishad1975@gmail.com
९८ . सेतु (पिट्सबर्ग से प्रकाशित), अनुराग शर्मा, setuhindi@gmail.co, http://www.setumag.com
९९ . स्त्री, प्रो. कुसुम कुमारी (संपादक), chitra.anshu4@gmail.com
१०० . चिंतन दिशा, संपादक-हृदयेश मयंक, Chintandisha@gmail.com 
१०१ . आधुनिक साहित्य, संपादक डॉ. आशीष कंधवे, aadhuniksahitya@gmail.com
१०२ . अनभै, संपादक- डॉ.रतनकुमार पाण्डेय, anbhai@gmail.com
१०३ . कथाबिंब - सं.डॉ.माधव सक्सेना अरविंद, kathabimb@gmail.com
१०४ . संयोग साहित्य- सं.मुरलीधर पाण्डेय, Lordsgraphic@gmail.com
१०५ . नई धारा – संपादक- शिवनारायण, editor@nayidhara.com
१०६ . नया पथ- संपादक- मुरली मनोहर प्रसाद सिंह/चंचल चौहान, jlsind@gmail.com
१०७ . जनपथ-सं. अनंत कुमार सिंह, janpathpatrika@gmail.com
१०८ . समन्वय पूर्वोत्तर, संपादक – डॉ. ब्रिजेंद्र सिंह, samanvayapoorvoter@gmail.com
१०९ . समन्वय दक्षिण, संपादक – डॉ. अनीता गांगुली, khshyderabad@yahoo.com
११० . देशज, संपादक-अरुण शीतांश, arunsheetansh@gmail.com

मंगलवार, 27 मार्च 2018

दोहा गीत:

दोहा गीत 
*
जो अव्यक्त हो, 
व्यक्त है 
कण-कण में साकार 
काश! 
कभी हम पा सकें, 
उसके भी दीदार

कंकर-कंकर में वही 
शंकर कहते लोग 
संग हुआ है किस तरह 
मक्का में? संजोग 
जगत्पिता जो दयामय 
महाकाल शशिनाथ 
भूतनाथ कामारि वह 
भस्म लगाए माथ 
भोगी-योगी 
सनातन 
नाद वही ओंकार 
काश! 
कभी हम पा सकें, 
उसके भी दीदार

है अगम्य वह सुगम भी 
अवढरदानी ईश 
गरल गहे, अमृत लुटा 
भोला है जगदीश 
पुत्र न जो, उनका पिता 
उमानाथ गिरिजेश 
नगर न उसको सोहते 
रुचे वन्य परिवेश 
नीलकंठ 
नागेश हे! 
बसो ह्रदय-आगार 
काश! 
कभी हम पा सकें, 
उसके भी दीदार
***

??? ॐ दोहा शतक नीता सैनी

दोहा शतक
नीता सैनी
*



जन्म:
आत्मजा:
जीवन संगी:
शिक्षा:
लेखन विधा:
प्रकाशन:
उपलब्धि:
सम्प्रति:
संपर्क:
चलभाष: , ईमेल:
*
दोहा शतक
*
शारद की आराधना, करें लगाकर ध्यान।
भक्ति करे जो मन लगा, वह पाए सुख-ज्ञान।।
*
धन की लिप्सा त्याग दो, बनो विवेकी आज।
मैया की आराधना, से बनते हैं काज।।
*
हंस विवेकी तुम बनो, करो देश में नाम।
जो ऐसा करते सदा, वे पाते आराम।।
*
तृप्ति मिले साहित्य से, मां की कृपा विशेष।
कपट त्याग निर्मल रहो, प्रीति न हो निश्शेष।।
*
माता को अर्पित करो, नित श्रद्धा के फूल।
हर पल माँ का ध्यान हो, घर में है मतभूल।।
*
माँ से बढ़कर जानिए, नहीं जगत में आप।
कुछ भी कर संतान ले, उऋण न माँ से आप।।
*
माता का दिल सिंधु है, जननी बहुत उदार।
जो माँ की सेवा करे, उसका हो उद्धार।।
*
माँ गंगा की धार है, तन-मन करे पवित्र।
ममता से बढ़ कौन सा, इस दुनिया में इत्र।।
*
करुणा की देवी कहो , माँ का दिल है मोम।
हित में वह संतान के, जीवन करती होम।।
*
माँ को कष्ट न दीजिए, रखिए पल-पल मान।
जो माँ की सेवा करे, उसका ही उत्थान।।
*
करती व्रत-उपवास माँ, सुखी रहे संतान।
माँ से बढ़कर कौन है, कोइ कहाँ महान।।
*
माँ ममता की खान है, उसका रखिए ध्यान।
सबको जग में दीजिए, माँ-सेवा का ज्ञान।।
*
मां के चरणों में दिखे, जिसको चारों धाम।
'नीता' भव से पार हो, वह जाता सुरधाम।।
*
तिल के लड्डू नेह से, सबको बाँटो दौड़।
परिजन-पुरजन खुश रहें, मन-पंछी तज होड़।।
*
खूब उड़े आकाश में, सबकी आज पतंग।
सबके मुख पर हो हँसी, मन में उठे उमंग।।
*
करें तरक्की देश की, दुःख पर पाकर जीत।
सदा एकता-बीज बो, फसल उगाओ मीत।।
*
सभी बड़ों की वंदना, छोटों को आशीष।
'नीता' पूजते देश में, त्यागी संत-मनीष।।
*
नए साल पर क्या लिखूँ, क्यों न साध लूँ मौन।
सुख-दुःख वंटन करा रहा, देखूँ खुद आ कौन।।
*
जीवन में उल्लास हो, सबका हो उत्कर्ष।
चाह यही नव वर्ष में, चहुँ दिस हो सुख-हर्ष।।
*
सबको रोटी, घर मिले, उन्नति हो भरपूर।
सुफल मनोरथ हों सदा, सज्जन हों मशहूर।।
*
छंद लिखें हम प्रीति के, गाएँ सुमधुर गीत।
विहँस मिलें नव साल में, कुछ अनुरागी मीत।।
*
अपने देश- समाज का, हम नित करें विकास।
हर घर में सुख-चैन हो, करें देवगण वास।।
*
कड़क चाय नित पीजिए, लेकर हरि का नाम।
चाय बिना आती नहीं, खुलती नींद न राम।।
*
जब तक पति के हाथ की, चाय न मिले सप्रीत।
तब तक बिस्तर से उठूँ, नहीं सुहाती रीत।।
*
सुबह चाय पतिदेव ला, दें तब खुलते नैन।
बिना चाय पी यदि उठूँ, हुए करेला बैन।।
*
गाँव-शहर में चाय ही, स्वागत का पर्याय।
गोरों की जूठन रुची, हमको क्या अभिप्राय।।
*
हर घर की है जरूरत, बंद न हो अध्याय।
पिएँ अतिथि को पिलाएँ, सुबह-रात तक चाय।।
*
महिमा न्यारी चाय की, पी बन जाता मूड।।
रहा न जाए चाय बिन, भले मत मिले फ़ूड।।
*
चाय पियो दोहे लिखो, सधते सारे काम।
चाय मिले यदि समय पर, जीवन ललित ललाम।।
*
अदरक डालो कूटकर, लो फिर बढ़िया स्वाद।
हो प्रियतम के हाथ की, चाय रहे नित याद।।
*
रंगोली घर- घर बने, रौनक देहरी- द्वार।
'नीता' हर त्योहार में, खुशियाँ मिलें हजार।
*
बेटी करछुल हाथ की, सुख देती है खूब।
हरी-भरी हरदम रहे, जैसी होती दूब।।
*
बेटी जब घर से गई, हुआ कलेजा चाक।
चैन न घर-बाहर मिले,अमन-चैन है ख़ाकi।।
*
बेटी को कम आँकना, कभी न मेरे मीत।
वक्त पड़े पर साथ दे, क्या गर्मी, क्या शीत।।
*
कभी झगड़ती लाडली, कभी जताती प्यार।
बेटी से रौनक रहे, आँगन, देहरी , द्वार।।
*
जो कन्या को मारते, उनका सत्यानास।
जो कन्या को पूजते, वे सच्चे हरिदास।।
*
दो कुल का बेटी करे, अपने गुण से नाम।
बेटी की रक्षा करें, रघुपति सीताराम।।
*
बेटी किंचित भी कभी, कष्ट न देती शिष्ट।
सिर पर फेरूँ हाथ तो, सोती पाकर इष्ट।।
*
मनचाहा घर- वर मिले, बेटी को हो हर्ष।
'नीता' की शुभ कामना, बेटी क उत्कर्ष।।
*
हिंदी माता का करे,हर मानव सम्मान।
यह केवल भाषा नहीं, छंद-ज्ञान की खान।।
*
जिव्हा पर हरदम रहे, प्रभु! हिंदी का वास।
इसका मीठापन सदा, सबको आए रास।।
*
हिंदी का अपमान है, भारत का अपमान।
हिंदी को सम्मान दें, रखिए इसका मान।।
*
हिंदी बिंदी हिंद की, मस्तक की ही शान।
झंकृत मन के तार कर, करे शांति का गान।।
*
हिंदी पूरे विश्व में, बोली जाती खूब।
इसको गले लगाइए, 'नीता' सुख में डूब।।
*
'भाई' लाकर दो मुझे, कहे सुता मासूम।
राखी बाँधूँगी उसे, ले बाँहों में चूम।।
*
धन- दौलत कुछ भी नहीं, नहीं भेंट-उपहार।
केवल मुझको चाहिए, भाई तेरा प्यार।।
*
भाई नित उन्नति करे, यही बहन की चाह।
सिखलाती हरदम चलो, पक्की-सच्ची राह।।
*
कभी नहीं तुम भूलना, मेरे प्यारे वीर।
बहन दुलारी कह रही, भर नैनों में नीर।।
*
राखी की शुभकामना, ढेर बधाई आज।
'नीता' कहती नेह से, रखना भैया लाज।।
*
अपने देश- समाज का, रखें हमेशा मान।
जो टर्राए आपसे, ले लें उसकी जान।।
*
नैतिकता कायम रहे, करिए चरित-विकास।
कोरे भाषण नीति के, तनिक न आते रास।।
*
मानवता का लोप है, दानवता हुए सशक्त।
मानव, मानव का सतत, बहा रहा है रक्त।।
*
भौतिकता की चाह में, मानव हिरण समान।
मृग-मरीचिका में फँसा, दुख पा देता जान।।
*
हरि की सुधि बिसरा रहा, कैसे होगा पार।
बिना हरि-कृपा किस तरह, हो मानव-उद्धार।।
*
खुशियाँ घर-परिवार में, करें हमेशा वास।
दोहा दे शुभकामना, कायम रहे सुवास।।
*
कभी न विपदा-रोग हो, मधुमय हो अनुराग।
सब देवों की हो कृपा, द्वारे बजे विहाग।।
*
जन्मदिवस शुभकामना, दूँ पुस्तक उपहार।
पौधा रोपो एक तुम, हो भू का सिंगार।
*
सब मित्रों के नेह का, पड़ता बहुत प्रभाव।
नीता को बस चाहिए, अपनेपन का भाव।
*
दीपक से बाती कहे, सत्य न जानें लोग।
जल-जलकर तो मैं मरी, सुयश तुम्हें संयोग।।
*
दीप, तेल, बाती बिना, होता तम घनघोर।
तीनों के संयोग से, घर में होय अंजोर।।
*
मेल-जोल, हित-त्याग से, सधते सारे काम।
दीपक से यह सीखिए, लेकर हरि का नाम।।
*
धन की देवी धन लिए, घर-घर करें प्रवेश।
श्रम से उन्नति देश की, पनपें सभी प्रदेश।।
*
मन कर मंगल कामना, जन हो मालामाल।
दुख-दारिद्र्य न शेष हो, भारत हो खुशहाल।।
*
युगों-युगों से धो रहीं, गंगा मैया पाप।
निर्मल मन करतीं सदा, हरतीं पीड़ा-ताप।।
*
गंगा-दर्शन के लिए, दौड़े आते लोग।
पूर्ण मनोरथ हो रहा, सुफल मिले संयोग।।
*
बढ़ा प्रदूषण गंग में, स्वार्थ रहे सब साध।
भक्ति-भाव सच्चा नहीं, श्रद्धा नहीं अगाध।।
*
मन मैला यदि आपका, तन धोना बेकार।
गंगा मां कहतीं यही, मन में हो न विकार।।
*
मौसम है मधुमास का, मन में भरी उमंग।
अमिट छाप हँस छोड़ता, कुदरत का नव रंग।।
*
फूल खिले हैं बाग़ में, चारों तरफ बहार।
मन को मन पुलकित रखो, कभी न माने हार।।
*
भँवरे-तितली नाचते, कोयल गाती गीत।
मादक मौसम जलाए, कब आओगे मीत।।
*
सरसों फूली खेत में, मन का हरे कलेश।
फगुआ सूना तुम बिना, आओ साजन देश।।
*
खुशियों से जीवन भरे, रंगों का त्योहार।
कहीं नहीं दुख-दर्द हो, लगे भला संसार।
*
सबको सुख की ही मिले, सदा यहाँ सौगात।
यही कामना देव से, हाथ जोड़ दिन- रात।।
*
शांति सदा हो देश में, घूमे उन्नति-चक्र ।
पूर्ण रहे धन-धान्य से, भू न भाग्य हो वक्र।।
*
रंग न फीका हो कभी, चटक गुलाबी-लाल ।
सतरंगी संसार हो, हर्षित सपने पाल।।
*
भेद-भाव की कालिमा, हो जाए अति दूर।
ऐक्य-भाव का चंद्रमा, खूब बिखेरे नूर।।
*
तोड़ो नाता कीच से, काजल-नैना आँज।
तन निर्मल कर जतन से, मन को तन्नक माँज।।
*
साथी-संगी मिल गए, बना गेह-परिवार।
सद्विचार-साहित्य का, विस्तृत है संसार।।
*
गीत, ग़ज़ल, कविता, कथा, नीता भाषा-ओज।
कथ्य,शिल्प, शैली सरस, सलिला सलिल सरोज।।
*
माँ शारद की कृपा से, सुलभ ज्ञान-विज्ञान।
करे साधना जो सतत, होता वही सुजान।।
*
सुंदर भाषा, भावयुत, हितकर लेखन फूल।
हों शारद-उद्यान में, मिटा भेद के शूल।।
*
परसेवा-उपकार ही, हो मेरा पाथेय।
पार लगाओ पार्थ सम, या कर दो राधेय।।
*
रच दूँ कविता प्यार की, और न कोई चाह।
दिखलाता है प्यार ही, नव जीवन की राह।।
*
और नहीं कुछ चाहिए, दो- दो मीठे बोल।
प्यारे प्रियवर! प्रीति का, मीठा रस दो घोल।।
*
नैन बावरे हो गए, तुमसे कर-कर प्रीति।
मुझको भाती ही नहीं, दुनियादारी रीति।।
*
मूल्यवान मत दो मुझे, प्रिय! दो कुछ अनमोल।
'नीता' को अनुराग दो, प्रभु जी तुम दिल खोल।।
*
गंग नहा मत मलिन कर, दर्शन कर कर जोड़।
आ! चल, कचरा उठाएँ, करें स्वच्छता-होड़।।
*
सूर्यदेव को पूजकर, जल-अंजलि दो ढाल।
सौर ऊर्जा काम ले, चलो उठाकर भाल।।
*
स्वागत में नव वर्ष के, वर्षा-जल ले रोक।
भू में नीचे उतारे, करो व्यवस्था टोक।।
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कविता बिन मुझको नहीं, मिले तनिक सुख-चैन।
डूबी रहती भाव में, लिखती हूँ दिन-रैन।। ९०
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आज बड़ा दिन है भला, खुशियों का त्योहार।
बाबा सांता क्लॉज जी, लाए हैं उपहार।।
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रौनक देखो शहर मे, सजा हुआ बाजार।
होना अब तो चाहिए, सबका मन गुलजार।।
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जन्म दिवस प्रभु यीशु का, धूमधाम चहुँ ओर।
हर दिन आए विश्व में, अमन -चैन की भोर।।
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