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शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

doha-soratha

आज का दोहा
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मुल्ला जी ने मुर्गियाँ, जमकर करीं हलाल।
अब न हाथ लग सकेंगी, मन में आज मलाल।।
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मुल्ला चाहें हलाला, इज़्ज़त करें हलाक़।
गयी हाथ से औरतें, अगर न रहा तलाक़।।
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आज का सोरठा
घर का मालिक आज, महीनों बाद न पिट रहा।
नहीं पद रही डाँट, रखे हुए व्रत मालकिन।।
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आज तनिक आराम, बेलन-झाड़ू को मिला।
बार-बार हो तीज, मन रहे हैं ईश से।।
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बुधवार, 30 जुलाई 2014

doha salila: teej sanjiv

दोहा सलिलाः
संजीव
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नेह वॄष्टि नभ ने करी, धरा-मन गया भींज
हरियायी भू लाज से, 'सलिल' मन गयी तीज
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हिना सजी ले हथेली, हरी चूड़ियाँ संग
हरी चुनरिया ने हरी, शान्ति पिया मन दंग
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तंग गली है प्रीति की, तंग प्रियतमा भाग
आँखें चार न हो कहें, जो न कहा अनुराग
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