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मंगलवार, 20 अप्रैल 2021

चंडिका / धरणी छंद

 छंद बहर का मूल है: ७

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छंद परिचय:
संरचना: SIS SIS IS / SISS ISIS
सूत्र: ररलग।
आठ वार्णिक अनुष्टुप जातीय छंद।
तेरह मात्रिक भागवत जातीय चंडिका / धरणी छंद।
गणसूत्र - र र ल गा।
बहर: फ़ाइलुं फ़ाइलुं फ़अल / फ़ाइलातुं मुफ़ाइलुं ।
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१.
देवता है वही सही
जो चढ़ा वो मँगे नहीं
*
बाल सारे सफेद हैं
धूप में ये रँगे नहीं
*
लोग ईसा बनें यहाँ
सूलियों पे टँगे नहीं
*
दर्द नेता न भोगता
सत्य है ये सभी कहीं
*
आम लोगों न हारना
हिम्मतें ही जयी रहीं
*
२.
जी न चाहे वहीं चलो
धार ही में बहे चलो
*
दूसरों की न बात हो
हाथ खाली मले चलो
*
छोड़ भी दो तनातनी
ख्वाब हो तो पले चलो
*
दुश्मनों की निगाह में
शूल जैसे चुभे चलो
*
व्यर्थ सीना न तान लो
फूल पाओ झुके चलो
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२०.४.२०१७
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