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बुधवार, 25 सितंबर 2019

सरस्वती वंदना रीमा मिश्रा

रीमा मिश्रा















जन्म-१५ मई १९९३, आसनसोल, पश्चिम बंगाल
आत्मजा - श्रीमती विद्यावती देवी - श्री देवदत्त मिश्रा। शिक्षा-एम.ए (हिंदी), अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा(पी.जी.डी.टी)। संपर्क - न्यू केंदा कोलियरी, पश्चिम बर्धमान। चलभाष - ७४७७५१४९६१। ईमेल - binamishra444@gmail.com । *
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भोजपुरी
महिमा से भरल बा
महिमा से भरल बा राउर चरनिया, ऐ सरस्वती मईया,
सुन ली न हमरो बचनिया, ऐ सरस्वति मईया। राउर कृपा से माई दुनियां जहान बा, राउर दया से माई जग के पहचान बा। पउवा पखराब जाई के ऐ सरस्वती मईया, सुन ली न हमरो बचनिया, ऐ सरस्वती मईया। ममता से भरल माई राउर चारनिया, ऐ सरस्वती मैया, सुन ली न हमरो बचनिया ऐ सरस्वती मईया। बीना के बजइया सातो सुर के रचईया, हंस पे सवार होके आजा मोरी मईया, विनती हज़ार करतानी मोरी मईया। जेकरा पे माई राउर कृपा हो जाला, गुणी औरु ज्ञानी बन जग में पुजाला, स्वर में तू जेकरा समा जालू मईया, सुर के उ ज्ञाता कहलाला। मूर्खों भी बन जाला ज्ञानी, सुनी ऐ मईया।
सूरदास , कालिदास के कवि तू बनयिलु, बाल्मीकि जी तू रामायण लिखवाईलु। रामचरितमानस के कर दिहले रचना,
तुलसी के जब तू कलम में समईलु। करी अब हम कतना बखानी सुनी ऐ मईया, बीना के बजइया,सातो सुर के रचाईया, हंस पे सवार होके आजा मोरी मईया।
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