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रविवार, 24 अप्रैल 2011

एक षटपदी : भारत के गुण गाइए ---संजीव 'सलिल'

एक षटपदी :



संजीव 'सलिल'
*
भारत के गुण गाइए, ध्वजा तिरंगी थाम.
सब जग पर छा जाइये, बढ़े देख का नाम ..
बढ़े देख का नाम प्रगति का चक्र चलायें.
दंड थाम उद्दंड शत्रु को पथ पढ़ायें..
बलिदानी केसरिया की जयकार करें शत.
हरियाली सुख, शांति श्वेत, मुस्काए भारत..


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4 टिप्‍पणियां:

Purnima Varman ने कहा…

- बहुत बढ़िया।

achal verma ekavita ने कहा…

achal verma
ekavita

२३ अप्रैल


एक ओजपूर्ण रचना |पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा|
एक जगह टाइपो देखा है पथ जो शायद पाठ होना था |
Your's ,

Achal Verma

sn Sharma ✆ ekavita ने कहा…

२३ अप्रैल

आ० आचार्य जी ,
सुन्दर सीख और कामना | साधुवाद !
कमल

Ambarish Srivastava ने कहा…

बलिदानी केसरिया की जयकार करें शत. हरियाली सुख, शांति श्वेत, मुस्काए भारत..
Jai Bharat.....