पुस्तक चर्चा-
नवगीत २०१३:संग्रहणीय संकलन
चर्चाकार: संजीव
विश्व वाणी हिंदी के सरस साहित्य कोष की अनुपम निधि नवगीत के विकास हेतु संकल्पित-समर्पित अंतर्जालीय मंच नवगीत की पाठशाला ने नवगीतकारों को अभिव्यक्ति और मार्गदर्शन का अनूठा अवसर दिया है. इस मंच से जुड़े ८५ प्रतिनिधि नवगीतकारों के एक-एक प्रतिनिधि नवगीत का चयन नवगीत आंदोलन हेतु समर्पित डॉ. जगदीश व्योम तथा तथा पूर्णिमा बर्मन ने किया है. इन नवगीतकारों में डॉ. महेंद्र भटनागर, कुमार रवींद्र, डॉ. भारतेंदु मिश्र, बृजनाथ श्रीवास्तव, विद्यानन्दन राजीव, निर्मला जोशी,राजेंद्र वर्मा, यश मालवीय, गिरीशचन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. हरीश निगम, डॉ. राजेंद्र गौतम, नचिकेता, राधेश्याम बंधु, प्रभुदयाल श्रीवास्तव, डॉ. जगदीश व्योम, गिरिमोहन गुरु, निर्मल जोशी, पूर्णिमा बर्मन, संजीव सलिल, शशि पाधा, कल्पना रामानी, श्रीकांत मिश्र 'कांत', नवीन चतुर्वेदी, श्यामबिहारी सक्सेना, शारदा मोंगा, वीनस केसरी, संगीता मनराल, कमलेश दीवान आदि बहुचर्चित हैं.
नवगीत २०१३:संग्रहणीय संकलनचर्चाकार: संजीव
[कृति विवरण: नवगीत २०१३ (प्रतिनिधि नवगीत संकलन), संपादक डॉ. जगदीश व्योम, पूर्णिमा बर्मन, आकार डिमाई, आवरण सजिल्द बहुरंगी, पृष्ठ १२ + ११२, मूल्य २४५ /, प्रकाशक एस. कुमार एंड कं. दिल्ली]
विश्व वाणी हिंदी के सरस साहित्य कोष की अनुपम निधि नवगीत के विकास हेतु संकल्पित-समर्पित अंतर्जालीय मंच नवगीत की पाठशाला ने नवगीतकारों को अभिव्यक्ति और मार्गदर्शन का अनूठा अवसर दिया है. इस मंच से जुड़े ८५ प्रतिनिधि नवगीतकारों के एक-एक प्रतिनिधि नवगीत का चयन नवगीत आंदोलन हेतु समर्पित डॉ. जगदीश व्योम तथा तथा पूर्णिमा बर्मन ने किया है. इन नवगीतकारों में डॉ. महेंद्र भटनागर, कुमार रवींद्र, डॉ. भारतेंदु मिश्र, बृजनाथ श्रीवास्तव, विद्यानन्दन राजीव, निर्मला जोशी,राजेंद्र वर्मा, यश मालवीय, गिरीशचन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. हरीश निगम, डॉ. राजेंद्र गौतम, नचिकेता, राधेश्याम बंधु, प्रभुदयाल श्रीवास्तव, डॉ. जगदीश व्योम, गिरिमोहन गुरु, निर्मल जोशी, पूर्णिमा बर्मन, संजीव सलिल, शशि पाधा, कल्पना रामानी, श्रीकांत मिश्र 'कांत', नवीन चतुर्वेदी, श्यामबिहारी सक्सेना, शारदा मोंगा, वीनस केसरी, संगीता मनराल, कमलेश दीवान आदि बहुचर्चित हैं.
वरिष्ठ तथा कनिष्ठ नवगीतकारों के ऐसे संकलन ३ पीढ़ियों के अवदान, गत ३ दशकों में नवगीत के कलेवर, भाषिक सामर्थ्य, बिम्ब-प्रतीकों में बदलाव, अलंकार चयन और सर्वाधिक महत्वपूर्ण नवगीत के कथ्य में परिवर्तन के अध्ययन के लिए सामग्री मुहैया कराते हैं. संग्रह का मुद्रण, बँधाई आदि उत्तम है. नवगीतों में रूचि रखने वालों को इसे पढ़ना सुखद करायेगा।
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