छंद सलिला:
निधि छंद
संजीव
*
*
निधि नौ मात्रिक छंद है जिसमें चरणान्त में लघु मात्रा होती है. पद (पंक्ति) में चरण संख्या एक या अधिक हो सकती है.
उदाहरण :
१. तजिए न नौ निधि
भजिए किसी विधि
भजिए किसी विधि
चुप मन लगाकर-
गहिए 'सलिल' सिधि
२. रहें दैव सदय, करें कष्ट विलय
गहिए 'सलिल' सिधि
२. रहें दैव सदय, करें कष्ट विलय
मिले आज अमिय, बहे सलिल मलय
मिटें असुर अजय, रहें मनुज अभय
रचें छंद मधुर, मिटे सब अविनय
३. आओ विनायक!, हर सिद्धि दायक
३. आओ विनायक!, हर सिद्धि दायक
करदो कृपा अब, हर लो विपद सब
सुख-चैन दाता, मोदक ग्रहण कर
खुश हों विधाता, हर लो अनय अब
=====================
खुश हों विधाता, हर लो अनय अब
=====================
Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in
facebook: sahiyta salila / sanjiv verma 'salil' salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.in
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें