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सोमवार, 4 दिसंबर 2017

swagat geet

स्वागत गीत:
नवगीत महोत्सव २०१४
*
शुभ नवगीत महोत्सव, आओ!
शब्दब्रम्ह-हरि आराधन हो
सत-शिव-सुंदर का वाचन हो
कालिंदी-गोमती मिलाओ
नेह नर्मदा नवल बहाओ
'मावस को पूर्णिमा बनाओ
शब्दचित्र-अंकन-गायन हो
सत-चित-आनंद पारायण हो
निर्मल व्योम ओम मुस्काओ
पंकज रमण विवेक जगाओ
संजीवित अवनीश सजाओ
रस, लय, भाव, कथ्य शुचि स्वागत
पवन रवीन्द्र आस्तिक आगत
श्रुति सौरभ पंकज बिखराओ
हो श्रीकांत निनाद गुँजाओ
रोहित ब्रज- ब्रजेश दिखलाओ
भाषा में कुछ टटकापन हो
रंगों में कुछ चटकापन हो
सीमा अमित सुवर्णा शोभित
सिंह धनंजय वीनस रोहित
हो प्रवीण मन-राम रमाओ
लख नऊ दृष्टि हुई पौबारा
लखनऊ में गूँजे जयकारा
वाग्नेर-संध्या हर्षाओ
हँस वृजेन्द्र सौम्या नभ-छाओ
रसादित्य जगदीश बसाओ
नऊ = नौ = नव
१०-११-२०१४
- १२६/७ आयकर कॉलोनी
विनायकपुर, कानपुर
समयाभाव के कारण पढ़ा नहीं गया
***

बुधवार, 19 नवंबर 2014

swagat geet:

स्वागत गीत:


शुभ नवगीत महोत्सव, आओ!

शब्दब्रम्ह-हरि आराधन हो 
सत-शिव-सुंदर का वाचन हो 
कालिंदी-गोमती मिलाओ 
नेह नर्मदा नवल बहाओ 
'मावस को पूर्णिमा बनाओ 

शब्दचित्र-अंकन-गायन हो 
सत-चित-आनंद पारायण हो
निर्मल व्योम ओम मुस्काओ 
पंकज रमण विवेक जगाओ 
संजीवित अवनीश सजाओ

रस, लय, भाव, कथ्य शुचि स्वागत  
पवन रवीन्द्र आस्तिक आगत 
श्रुति सौरभ पंकज बिखराओ
हो श्रीकांत निनाद गुँजाओ  
रोहित ब्रज- ब्रजेश दिखलाओ   

भाषा में कुछ टटकापन हो 
रंगों में कुछ चटकापन हो 
सीमा अमित सुवर्णा शोभित 
सिंह धनंजय वीनस रोहित 
हो प्रवीण मन-राम रमाओ 

लख नऊ दृष्टि हुई पौबारा 
लखनऊ में गूँजे जयकारा 
वाग्नेर-संध्या हर्षाओ   
हँस वृजेन्द्र सौम्या नभ-छाओ  
रसादित्य जगदीश बसाओ 

नऊ = नौ = नव 
१०-११-२०१४ 
- १२६/७ आयकर कॉलोनी
विनायकपुर, कानपुर
समयाभाव के कारण पढ़ा नहीं गया   
***