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बुधवार, 19 दिसंबर 2018

समग्र सू चना

विश्ववाणी हिंदी संस्थान
अभियान, समन्वय प्रकाशन जबलपुर
समन्वयम २०४ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१, चलभाष: ९४२५१ ८३२४४ ​/ ७९९९५५९६१८
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शांति-राज स्व-पुस्तकालय योजना

विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर के तत्वावधान में नई पीढ़ी में हिंदी के प्रति प्रेम तथा भारतीय संस्कारों के प्रति लगाव वृद्धि हेतु सत्साहित्य पठन को प्रत्साहित करने के लिए पारिवारिक पुस्तकालय योजना आरम्भ की गई है। इसके अंतर्गत निम्न में से ५००/- से अधिक की पुस्तकें मँगाने पर मूल्य में २०% छूट, पैकिंग व डाक व्यय निशुल्क की सुविधा उपलब्ध है। राशि अग्रिम पे टी एम द्वारा चलभाष क्रमांक ९४२५१८३२४४ में अथवा बैंक ऑफ़ इण्डिया, राइट टाउन शाखा जबलपुर IFSC- BKDN ०८११११९, लेखा क्रमांक १११९१०००२२४७ में जमाकर पावती salil.sanjiv@gmail.com पर ईमेल करें। इस योजना में पुस्तक सम्मिलित करने हेतु salil.sanjiv@gmail.com या ७९९९५५९६१८/९४२५१८३२४४ पर संपर्क करें।

पुस्तक सूची
०१. मीत मेरे कविताएँ -आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' १५०/-
०२. काल है संक्रांति का गीत-नवगीत संग्रह -आचार्य संजीव 'सलिल' १५०/-
०३. सड़क पर गीत-नवगीत संग्रह -आचार्य संजीव 'सलिल' २५०/-
०४. कुरुक्षेत्र गाथा खंड काव्य -स्व. डी.पी.खरे -आचार्य संजीव 'सलिल' ३००/-
०५. पहला कदम काव्य संग्रह -डॉ. अनूप निगम १००/-
०६. कदाचित काव्य संग्रह -स्व. सुभाष पांडे १२०/-
०७. Off And On -English Gazals -Dr. Anil Jain ८०/-
०८. यदा-कदा -उक्त का हिंदी काव्यानुवाद- डॉ. बाबू जोसफ-स्टीव विंसेंट
०९.Contemporary Hindi Poetry - B.P. Mishra 'Niyaz' ३००/-
१०. महामात्य महाकाव्य -दयाराम गुप्त 'पथिक' ३५०/-
११. कालजयी महाकाव्य -दयाराम गुप्त 'पथिक' २२५/-
१२. सूतपुत्र महाकाव्य -दयाराम गुप्त 'पथिक' १२५/-
१३. अंतर संवाद कहानियाँ -रजनी सक्सेना २००/-
१४. दोहा-दोहा नर्मदा दोहा संकलन -सं. सलिल-डॉ. साधना वर्मा २५०/-
१५. दोहा सलिला निर्मला दोहा संकलन -सं. सलिल-डॉ. साधना वर्मा २५०/-
१६. दोहा दिव्य दिनेश दोहा संकलन -सं. सलिल-डॉ. साधना वर्मा ३००/-
१७. सड़क पर गीत-नवगीत संग्रह आचार्य संजीव 'सलिल' ३००/-
१८.The Second Thought - English Poetry - Dr .Anil Jain​ १५०/-
१९. मुक्तक मकरंद स. प्रकाश चंद्र फुलोरिआ ५००/
२०. यावत स्थास्ययंति महीतले - डॉ. एम.एल.खरे ५५०/-
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विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर - ​इकाई स्थापना आमंत्रण
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विश्ववाणी हिंदी संस्थान एक स्वैच्छिक, अव्यावसायिक, अपंजीकृत समूह है जो ​भारतीय संस्कृति और साहित्य के प्रचार-प्रसार तथा विकास हेतु समर्पित है। संस्था पीढ़ियों के अंतर को पाटने और नई पीढ़ी को साहित्यिक-सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए निस्वार्थ सेवाभावी रचनात्मक प्रवृत्ति संपन्न महानुभावों तथा संसाधनों को एकत्र कर विविध कार्यक्रम न लाभ न हानि के आधार पर संचालित करती है। इकाई स्थापना, पुस्तक प्रकाशन, लेखन कला सीखने, भूमिका-समीक्षा लिखवाने, विमोचन-लोकार्पण-संगोष्ठी-परिचर्चा अथवा स्व पुस्तकालय स्थापित करने हेतु संपर्क करें: salil.sanjiv@gmail.com, ९४२५१ ८३२४४ ​/ ७९९९५५९६१८। इकाई स्थापना हेतु न्यूनतम एक आजीवन, दो स्थायी तथा ९ वार्षिक सदस्य होना आवश्यक है। ईकाइयोंको केंद्रीय कार्यालय से गतिविधि सञ्चालन हेतु मार्गदर्शन दिया जाएगा।
पाठक पंचायत
प्रत्येक इकाई को हर माह संस्थान द्वारा चयनित एक पुस्तक निशुल्क (अधिक प्रतियाँ रियायती दर पर, निशुल्क डाक सुविधा सहित) भेजी जाएगी। संस्थान के सदस्य इन पर चर्चा करेंगे तथा प्रतिवेदन / समीक्षा केंद्रीय कार्यालय को भेजेंगे।

दोहा शतक मंजूषा
विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर के तत्वावधान तथा आचार्य संजीव 'सलिल' व डॉ. साधना वर्मा के संपादन में दोहा शतक मंजूषा के ३ भाग दोहा-दोहा नर्मदा, दोहा सलिला निर्मला तथा दोहा दीप्त दिनेश का प्रकाशन कर सहयोगियों को भेजा जा चुका है। ८००/- मूल्य की ३ पुस्तकें (५००० से अधिक दोहे, दोहा-लेखन विधान, २५ भाषाओँ में दोहे तथा बहुमूल्य शोध-सामग्री) ५०% छूट पर पैकिंग-डाक व्यय निशुल्क सहित उपलब्ध हैं। इस कड़ी के भाग ४ "दोहा है आशा-किरण" में सहभागिता हेतु यथोचित संपादन हेतु सहमत दोहाकारों से १२० दोहे (चयनित १०० दोहे छपेंगे), चित्र, संक्षिप्त परिचय (जन्मतिथि-स्थान, माता-पिता, जीवन साथी, साहित्यिक गुरु व प्रकाशित पुस्तकों के नाम, शिक्षा, लेखन विधाएँ, अभिरुचि/आजीविका, डाक का पता, ईमेल, चलभाष क्रमांक आदि) ईमेल: salil.sanjiv@gmail.com पर आमंत्रित हैं। सहभागिता निधि ३०००/- उक्तानुसार भेजें। प्रत्येक सहभागी को गत ३ संकलनों की एक-एक प्रति तथा भाग ४ की ८ प्रतियाँ अथवा भाग ४ की
११ प्रतियाँ दी जाएँगी। भाग ४ हेतु चयनित सहभागी- सर्व श्री/श्रीमती संतोष शुक्ल, इंजी. सुरेंद्र सिंह पवार, इंजी. देवेंद्र गोंटिया, हरिहर सहाय पांडेय, वीणा तवंर, विनोद वाग्वर, श्रीधर प्रसाद द्विवेदी, संतोष नेमा, रामेश्वर प्रसाद सारस्वत। केवल ६ स्थान रिक्त।
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प्रतिनिधि नवगीत : २०२०
विश्ववाणी हिंदी संस्थान जबलपुर के तत्वावधान में 'प्रतिनिधि नवगीत २०२०' शीर्षक से प्रकाशनाधीन संकलन हेतु इच्छुक नवगीतकारों से एक पृष्ठीय ९ नवगीत चित्र, संक्षिप्त परिचय (जन्मतिथि-स्थान, माता-पिता, जीवन साथी, साहित्यिक गुरु व प्रकाशित पुस्तकों के नाम, शिक्षा, लेखन विधाएँ, अभिरुचि/आजीविका, डाक का पता, ईमेल, चलभाष क्रमांक) सहभागिता निधि ४०००/- सहित आमंत्रित है। इच्छुक सहभागी ४०००/- सहभागिता निधि पे टी एम द्वारा चलभाष क्रमांक ९४२५१८३२४४ में अथवा बैंक ऑफ़ इण्डिया, राइट टाउन शाखा जबलपुर IFSC- BKDN ०८११११९, लेखा क्रमांक १११९१०००२२४७ में जमाकर पावती salil.sanjiv@gmail.com पर ईमेल करें। । प्रत्येक सहभागी को १५ प्रतियाँ निशुल्क उपलब्ध कराई जाएँगी जिनका विक्रय या अन्य उपयोग करने हेतु वे स्वतंत्र होंगे। ग्रन्थ में नवगीत विषयक शोधपरक उपयोगी सूचनाएँ और सामग्री संकलित की जाएगी। देशज बोलिओं व हिंदीतर भारतीय भाषाओँ के नवगीत हिंदी अनुवाद सहित भेजें।
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------------------------- 'सार्थक लघुकथाएँ' २०२० -----------------------
चयनित लघुकथाकारों की ९ प्रतिनिधि लघु कथाएँ चित्र, परिचय पते ((जन्मतिथि-स्थान, माता-पिता, जीवन साथी, साहित्यिक गुरु व प्रकाशित पुस्तकों के नाम, शिक्षा, लेखन विधाएँ, अभिरुचि/आजीविका, डाक का पता, ईमेल, चलभाष क्रमांक आदि)) सहित सहयोगाधार पर प्रकाशित की जा रही हैं। संकलन पेपरबैक होगा। मुद्रण स्तरीय होगा। सहभागिता के इच्छुक लघुकथाकार सहभागिता निधि ४०००/- बैंक ऑफ़ इण्डिया, राइट टाउन शाखा जबलपुर IFSC- BKDN ०८११११९, लेखा क्रमांक १११९१०००२२४७ में जमाकर पावती salil.sanjiv@gmail.com पर ईमेल करें। चयन सुविधा हेतु १२ लघुकथाएँ, चित्र, पता, चलभाष, ईमेल व सहमति ईमेल: salil.sanjiv@gmail.com या वाट्सऐप ९४२५१८३२४४ पर अविलंब भेजें। हर सहभागी को १५ प्रतियाँ निशुल्क तथा अतिरिक्त प्रतियाँ ५०% रियायत पर डाक व्यय निशुल्क सुविधा सहित मिलेंगी। पूर्ण घोषित संकलनों में निधि भेजनेवाले सहभागियों की राशि इस योजना में समायोजित कर ली जाएगी।
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मंगलवार, 7 सितंबर 2010

आवश्यक सूचना: विदेश जाने से पहले -- विजय कौशल - संजीव 'सलिल

आवश्यक सूचना:   विदेश जाने से पहले    -- विजय कौशल - संजीव 'सलिल' 
 प्रिय मित्रों! 
Hi all,
-- मुझे यह ई-मेल मिली, सोचा आप तक पहुँचा दूँ. मुझे नहीं मालूम यह सही है या नहीं, न ही मुझे मध्य-पूर्व के कानूनों की जानकारी है- फिर भी सावधानी बरतने में कोई हानि नहीं है. आप इसे अपने मित्रों को भेज सकते हैं.
Recd this email. Thought I'll pass it on. I don't know whether its true and I'm not sure about the laws of the Middle East- no harm in being careful though. You may like to pass it on to your friends.

Dear Friends,
प्रिय मित्रों,
-- मुझे अपने एक एक मित्र से एक बहुत भयानक प्रकरण की जानकारी हुई है. उसका एक मित्र दुबई होकर यू.के.जा रहा था. दुर्योगवश वह अपने साथ भारत में कढ़ी और मिठाइयों में सामान्यतः प्रयुक्त एक मसाले खसखस का एक पैकेट लिये था. खसखस को 'पॉपी' भी कहा जाता है तथा इससे अफीम की तरह के नशीले पदार्थ अंकुरित किये जा सकते हैं. 
I  came to know of a case from a friend of mine which is very scary. One of his friends was traveling to UK via Dubai . Unfortunately  he was carrying a packet of Khas Khas which is a commonly used spice in some Indian curries and sweets. Khas Khas is also known as poppy seed which can be sprouted to grow narcotics (afeem etc.)..
-- यह भोला व्यक्ति नहीं जानता था कि यू.ए.ई. और अन्य गल्फ देशों के बदले कानूनों के तहत खास्कह्स ले जाने पर न्यूनतम २० वर्ष की कैद और अंततः मौत तक का प्रावधान है.
This innocent person did not know that recently the laws in UAE and other Gulf countries have been revised and carrying Khas Khas is punishable with   minimum 20 years of imprisonment or even worse with death penalty.
अब वह गत दो सप्ताह से दुबई की जेल में कैद है. उसके मित्र उसकी रिहाई हेतु कड़ी कोशिश कर रहे हैं किन्तु यह एक गंभीर प्रकरण है. वकील अदालत में उसकी निर्दोषिता सिद्ध करने के लिये एक लाख़ मुद्राओं की फीस माँग रहे हैं. 

Currently, the person is in a jail in Dubai for the last two weeks. His friends are frantically trying hard for his release but are finding that this has become a very very serious case. Lawyers are asking huge fees amounting to AED 100,000 even to appear in the court to plead for his innocence.
-- कृपया, भारत में अपने सभी परिचितों को यह मेल भेजें, उन्हें इसकी गंभीरता का अनुमान हो ताकि वे गल्फ देशों में जाते समय अनजाने भी ऐसी किसी वस्तु की छोटी से छोटी मात्रा भी साथ न रखें.
Please forward this email to all you know specially in India . They should know the seriousness of this matter and should never ever carry even minutest quantities of the following items when traveling to Gulf countries:
१. खसखस कच्चा, भुना या पका हुआ.
1. Khas Khas whether raw, roasted or cooked.
२. पान 

2. Paan
३. सुपारी, उससे बने उत्पाद, पान पराग आदि. 

3. Beetle nut (supari and its products, e.g. Paan Parag etc.)
इन्हें  रखने पर बहुत भारी जुर्माने हैं, यहाँ तक कि व्यक्ति की जान पर भी बन सकती है.
The penalties are very severe and it could destroy the life of an innocent person.
मेरा अनुरोध है कि इसे अपने सभी परिचितों को भेज कर सजग करें.
I appeal you to create the awareness by forwarding this email to all you know.


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दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पोट .कॉम