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सोमवार, 10 फ़रवरी 2025

हास्य, चाकलेट डे, वेलेंटाइन,

 हास्य

चाकलेट डे
*
रेल लेट होती रई अब लौं
चाक लेट अब आई।
टीचरनी एक
पाँच क्लास
कैसे हो पाए पढ़ाई।
ओन लैन का नाटक कर खें
सबको पास करो रे!
पीढ़ी बने निकम्मी-अनपढ़
मुफ्त राहतें दो रे!
नेता का जयकारा गूँजे
वे बनाएँ सरकार।
उनके बच्चे सेठ अफसर हों
जनता के बेकार।

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