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रविवार, 18 अप्रैल 2021

शर्करी / महारौद्र छंद


छंद बहर का मूल है: ६
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छंद परिचय:
संरचना: SIS ISI SSI SIS IS
सूत्र: रजतरलग।
चौदह वार्णिक शर्करी जातीय छंद।
बाईस मात्रिक महारौद्र जातीय छंद।
बहर: फ़ाइलुं मुफ़ाइलुं फ़ाइलुं मुफ़ाइलुं।
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देश-गीत गाइए, भेद भूल जाइए
सभ्यता महान है, एक्य-भाव लाइए
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कौन था कहाँ रहा?, कौन है कहाँ बसा?
सम्प्रदाय-लिंग क्या?, भूल साथ आइए
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प्यार-प्रेम से रहें, स्नेह-भाव ही गहें
भारती समृद्ध हो, नर्मदा नहाइए
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दीन-हीन कौन है?, कार्य छोड़ मौन जो
देह देश में बनी, देश में मिलाइए
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वासना न साध्य है, कामना न लक्ष्य है
भोग-रोग-मुक्त हो, त्याग-राग गाइए
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ज्ञान-कर्म इन्द्रियाँ, पाँच तत्व देह है
गह आत्म-आप का, आप में खपाइए
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भारतीय-भारती की उतार आरती
भव्य भाव भव्यता, भूमि पे उतरिये
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१८.४.२०१७
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