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रविवार, 17 जुलाई 2016

laghukatha

लघुकथा
खतरा
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जोरदार बरसात, अँधेरी रात, डरती बचती चली जा रही थी एक कुतिया अकेली। कुछ कुत्तों को देखकर डरी-सहमी सोचने लगी आगे जाएया न जाए?
उसे ठिठका देख एक कुत्ता बोल पड़ा- 'आप बेखटके अपने रास्ते चले जाएँ, यहाँ कोई पुलिस थाना या आदम जात नहीं है।
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