आज का विचार TODAY's THOUGHT:
जीवन,
कर्मों की प्रतिध्वनि है।
जैसा करते 'सलिल' लौटकर
वापिस तुम तक आता है।

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जीवन,
कर्मों की प्रतिध्वनि है।
जैसा करते 'सलिल' लौटकर
वापिस तुम तक आता है।

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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
