नर्मदा परिक्रमा हेतु पर्यटन विभाग नियमित व्यवस्था करे .
सुझाव कर्ता ..
श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव
एम.एससी.
गृहणी
विवेक सदन , नर्मदागंज , मंडला म.प्र.
महोदय
नर्मदा विश्व की एक मात्र ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा का पौराणिक महत्व है . हमें गर्व है कि यह हमारे प्रदेश की जीवन दायनी है . मेरा सुझाव है कि यदि नर्मदा की परिक्रमा को विश्व स्तर पर प्रचारित किया जावे व सुविधा जनक पर्यटन यान की समुचित व्यवस्था हो तो यही नर्मदा परिक्रमा प्रदेश को आर्थिक लाभ भी पहुंचा सकती है . वर्तमान में नर्मदा परिक्रमा आस्थावान ग्रामीण परिवेश तक ही सीमित है , जो पैदल ही धार्मिक भावना से नर्मदा परिक्रमा करते हैं . नर्मदा तट अति रमणीय हैं व उनका पर्यटन की दृष्टि से महत्व निर्विवाद है . जरूरत केवल समुचित संसाधनो के विकास व व्यवस्था का है . यदि हमारे प्रदेश का पर्यटन विभाग मासिक रूप से नियमित नर्मदा परिक्रमा हेतु सुविधाजनक वाहन चलाने लगे तो अनेक संपन्न लोग भी आस्था , मनोरंजन , देशाटन की इच्छा से नर्मदा परिक्रमा करेंगे यह मेरा अनुमान है .
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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मंगलवार, 27 जनवरी 2009
नर्मदा परिक्रमा हेतु पर्यटन विभाग नियमित व्यवस्था करे .
सामाजिक लेखन हेतु ११ वें रेड एण्ड व्हाईट पुरस्कार से सम्मानित .
"रामभरोसे", "कौआ कान ले गया" व्यंग संग्रहों ," आक्रोश" काव्य संग्रह ,"हिंदोस्तां हमारा " , "जादू शिक्षा का " नाटकों के माध्यम से अपने भीतर के रचनाकार की विवश अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का दुस्साहस ..हम तो बोलेंगे ही कोई सुने न सुने .
यह लेखन वैचारिक अंतर्द्वंद है ,मेरे जैसे लेखकों का जो अपना श्रम, समय व धन लगाकर भी सच को "सच" कहने का साहस तो कर रहे हैं ..इस युग में .
लेखकीय शोषण , व पाठकहीनता की स्थितियां हम सबसे छिपी नहीं है , पर समय रचनाकारो के इस सारस्वत यज्ञ की आहुतियों का मूल्यांकन करेगा इसी आशा और विश्वास के साथ ..
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