विमर्श:
संजीव
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देवताओं को खुश करने पशु बलि बंद करो : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने देवताओं को प्रसन्न करने के लिये की जानेवाली पशुबलि पर प्रतिबन्ध लगाते हुए कहा है कि हजारों पशुओं को बलि के नाम पर मौत के घाट उतरा जाता है।इसके लिये पशुओं को असहनीय पीड़ा सहनी पड़ती है। न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ के अनुसार इस सामाजिक कुरीति को समाप्त किया जाना जरूरी है। न्यायलय ने
आदेश किया है कि कोई भी पशुओं की बलि नहीं देगा।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों के निर्णय के मुताबिक पशुओं को हो रही असहनीय पीड़ा और मौत देना सही नहीं है। प्रश्न यह है कि क्या केवल देव बलि के लिये अथवा मानव की उदर पूर्ती के लिये भी? देवबली के नाम पर मारे जा रहे हजारों जानवर बच जाएँ और फिर मानव भोजन के नाम पर मारे जा रहे जानवरों के साथ मारे जाएँ तो निर्णय बेमानी हो जायेगा। यदि सभी जानवरों को किसी भी कारण से मारने पर प्रतिबंध है तो माँसाहारी लोग क्या करेंगे? क्या मांसाहार बंद किया जायेगा?
इस निर्णय का यह अर्थ तो नहीं है कि हिन्दु मंदिर में बलि गलत और बकरीद पर मुसलमान बलि दे तो सही? यदि ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आप सोचें और अपनी बात यहाँ कहने के साथ संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों तक भी पहुंचाएं।