लघुकथा लेखन
कक्षा १० वीं
५ अंकों का प्रश्न
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- लघु = छोटी, कथा = कहानी
- बब्बा-दादी, नाना-नानी, माँ, दीदी आदि कहानी कहती हैं।
कहानी और लघुकथा
कहानी लंबी होती है। उसमें बहुत सी घटनाएँ होती हैं। कहानी में अनेक पात्र होते हैं।
लघुकथा छोटी होती है। लघुकथा में एक मुख्य घटना होती है। लघुकथा में पात्र कम होते हैं।
लघुकथा पढ़ने का उद्देश्य -
१. रचनात्मकता का विकास -
२. शब्द भंडार की वृध्दि -
३. भाषा का सुधार -
४. विराम चिन्हों के प्रयोग की जानकारी -
५. कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक कहने की क्षमता का विकास -
६, अपनी बात रोचक तरीके से प्रस्तुत करना -
७. लघुकथा से शिक्षा या संदेश मिलना -
लघुकथा के तत्व :
१. घटना -
२. शब्द सीमा - १००- १२०
३. पात्र संख्या - सीमित हो।
४. घटनाक्रम - संक्षिप्त हो,
५. संदेश -
६. संवाद -
७. अनुच्छेद - यथावश्यक, लगभग ५ - ६।
८. शीर्षक -
९. भाषा शैली -
प्रश्न के प्रकार :
१. कुछ संकेतों के आधार पर लघुकथा की रचना करना - किसी संकेत को छोड़ें नहीं, संकेतों का प्रयोग क्रमवार करें, आवश्यक हो तो १-२ संकेत जोड़ सकते हैं।
२. किसी घटना के आधार पर लघुकथा लिखना - घटना के कारण तथा प्रभाव पर विचार करें।
३. अपने मन से कल्पना के आधार पर लघुकथा लिखना - अपने आस-पास घटी, समाचार पत्र में पढ़ी या दूरदर्शन पर देखी किसी घटना, उसके प्रभाव और उससे मिले संदेश पर विचारकर, कुछ बिंदु लिखें, फिर उन्हें वाक्यों में ढालें।
४. किसी अधूरी लघुकथा को पूर्ण करना - लघुकथा के परिवेश, पात्रों और घटना पर विचार करे सोचें - आगे क्या-कैसे घटा होगा?
अन्य पाठ्येतर जानकारी -
लघुकथा के पर्यायवाची शब्द - नन्नी कानियाँ (बुंदेली), मिन्नी कहानी (पंजाबी)।
कहानी के पर्यायवाची शब्द - कथा, किस्सा, गल्प।
कहानी के प्रकार - बाल कथा, दृष्टांत कथा, बोध कथा, उपदेश कथा, पर्व कथा, धार्मिक कथा, पर्यटन कथा, शिकार कथा, ऐतिहासिक कथा, सामाजिक कथा।
पुस्तकें - हितोपदेश, पंचतंत्र, बैताल कथाएँ, किस्सा हातिमताई, अलीबाबा की कहानियाँ, सिंदबाद की कहानी।
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