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सोमवार, 1 फ़रवरी 2016

laghukatha

लघुकथा-
सम्मान की दृष्टि 
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कचरा बीनने वाले बच्चों से दूर रहा करो। वे गंदे होते हैं, पढ़ते-लिखते नहीं, चोरी भी करते हैं। उनसे बीमारी भी लग सकती है- माँ बच्चे को समझा रही थी।

तभी दरवाज़ा खटका, खोलने पर एक कचरा बीननेवाला बच्चा खड़ा था। क्या है? हिकारत से माँ ने पूछा।
माँ जी! आपके दरवाज़े के बाहर पड़े कचरे में से यह सोने की अँगूठी मिली है, आपकी तो नहीं? पूछते हुए बच्चे ने हथेली फैला दी. चमचमाती अँगूठी देखते ही माँ के मुँह से निकला अरे!यह तो मेरी ही है तो ले लीजिए कहकर बच्चा अंगूठी देकर चला गया।
रात पिता घर आये तो बच्चे ने घटना की चर्चा कर बताया की यह बच्चा समीप की सरकारी पाठशाला में पढ़ता है, कक्षा में पहला आता है, उसके पिता की सडक दुर्घटना में मृत्यु हो गयी है, माँ बर्तन माँजती है। अगले दिन पिता बच्चे के साथ पाठशाला गए, प्रधानाध्यापक को घटना की जानकारी देकर बच्चे को बुलाया, उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च खुद उठाने की जिम्मेदारी ली। कल तक उपेक्षा से देखे जा रहे बच्चे को अब मिल रही थी सम्मान की दृष्टि।
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रविवार, 8 दिसंबर 2013

vartika samman 2013: sanjiv salil ko vyakaranacharya kamta prasad guru samman

समाचार

वर्तिका के राष्ट्रीय पुरस्कार घोषित
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' को व्याकरणाचार्य कामता प्रसाद गुरु सम्मान
जबलपुर, भारत। संस्कारधानी जबलपुर की सक्रिय साहित्यिक सामाजिक सांस्कृतिक संस्था वर्तिका २२ दिसम्बर १३ को २९ वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन रानी दुर्गावती संग्रहालय सभागार भँवरताल जबलपुर में कर रही है. इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु राष्ट्रीय तथा स्थानीय स्तर पर पुरस्कार दिये जाने हेतु नामांकन आमंत्रित किये गये थे. एक उच्चस्तरीय चयन समिति ने वरिष्ठ साहित्यकार तथा साहित्य मनीषी प्रो चित्रभूषण श्रीवास्तव विदग्ध की अध्यक्षता में निर्णय लेकर इस वर्ष के पुरस्कारों की घोषणा की.
स्वर्ग विभा वेबसाइट की संस्थापिका डॉ. तारा सिंग मुम्बई को इस वर्ष का साज जबलपुरी लाइफटाइम वर्तिका अवार्ड दये जाने की घोषणा की गई है. साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. त्रिभुवन नाथ शुक्ल भोपाल को रामेश्वर शुक्ल अंचल अलंकरण,  आचार्य श्री संजीव वर्मा 'सलिल' जबलपुर को व्याकरणाचार्य कामता प्रसाद गुरू अलंकरण  के अतिरिक्त दिल्ली के श्री जाली अंकल, हैदराबाद के ब्लॉगर व कवि श्री विजय सपट्टी, नोयडा की सुश्री सखी सिंह, भोपाल के श्री अनवर इस्लाम, जबलपुर के श्री कुँवर प्रेमिल एवं श्रीमती लक्ष्मी शर्मा को सम्मानित किया जाएगा. इसके अतिरिक्त श्रीमती सुनीता मिश्रा  को श्रीमती दयावती श्रीवास्तव शिक्षा वर्तिका अलंकरण तथा श्री दीपक तिवारी को वर्तिका सम्मान प्रदान किया जाए गा .
वर्तिका ने अभिनव पहल करते हुए सक्रिय साहित्यिक संस्थाओं को भी सम्मानित करने का निर्णय लिया है. इस वर्ष यह सम्मान गुंजन कला सदन के संस्थापक श्री ओंकार श्रीवास्तव 'संत' को दिये जाने का निर्णय सर्व सम्मति से लिया गया है. 'वर्तमान परिदृश्य में साहित्यकारों की भूमिका' विषय पर संगोष्ठी के आयोजन के पश्चात् अलंकरण समारोह रविवार २२ दिसम्बर २०१३ को संध्या ६ बजे से आयोजित किया जा रहा है. समारोह के मुख्य अतिथि श्री मनु श्रीवास्तव आई. ए. एस. अध्यक्ष एवं प्रबंध संचालक पावर मैनेजमेंट होंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता हेतु कालिदास अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. कृष्णकांत चतुर्वेदी तथा  विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती प्रज्ञा ॠचा श्रीवास्तव आई. पी. एस.  आई. जी. पुलिस महानिरीक्षक ने सहमति प्रदान की है.
समारोह के पहले चरण में दोपहर १ बजे से 'वर्तमान परिदृश्य में साहित्यकारों' की भूमिका विषय पर संगोष्ठी होगी जिसकी अध्यक्षता प्रो. चित्रभूषण श्रीवास्तव 'विदग्ध' करेंगे तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री राजेन्द्र चंद्रकांत राय वक्तव्य देंगे. संगोष्ठी में वाचन हेतु आलेख  श्री विवेकरंजन श्रीवास्तव, अध्यक्ष  वर्तिका, ओ बी ११, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर जबलपुर ४८२००८ को भेजे जा सकते हैं.


शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

प्रविष्टियाँ आमंत्रित डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान

प्रविष्टियाँ आमंत्रित
डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान

कहानी लेखन महाविद्यालय एवं शुभ तारिका माविक पत्रिका अंबाला छावनी के संस्थापक डॉ. महाराज कृष्ण जैन की १३ वीं  पुण्य तिथि के अवसर पर पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा आगामी 23 मई से 25 मई तक आयोजित राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मलेन एवं पर्यटन शिविर के अवसर पर डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 51] श्री केशवदेव गिनया देवी बजाज स्मृति सम्मान(2] श्री जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान 2 हेतु लेखक--कवि तथा हिंदी के क्षेत्र में कार्य करनेवाले कर्मचारी अधिकारी] समाजसेवी] पर्यटन के इच्छुक नागरिकों से उनके योगदान का विवरण] पूरा पता] प्रकाशित पुस्तक की एक प्रति] ३ रचनाओं की कटिंग]डाक से किसी कूरियर से नहीं]  एवं पंजीकरण शुल्क १०० रु- मनीऑर्डर द्वारा आगामी 11 जनवरी 2014 तक सचिव पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी पो. रिन्जा शिलांग 793006 (मेघालय के पते पर आमंत्रित है- अधिक जानकारी के लिए मोबाइल पर संपर्क करें 09436117260] 09774286215] 09862201449  
e-mail- hindiacademy1@gmail.com http://purvottarhindiacademy.blogspot.com


शनिवार, 10 अप्रैल 2010

लिमटी खरे को 'संवाद सम्मान '
(शुक्रवार /09 अप्रैल 2010 / नई दिल्ली / मीडिया मंच )
 

चिट्ठाकारी सामाजिक चेतना को नए आयाम देने का कार्य अहर्निश कर रही है. सामाजिक चेतना के इस नए संसाधन का प्रभावी और लोकप्रिय उपयोग करना सबके बस का रोग नहीं है. इस दुकर कार्य को सहजता से करनेवालों में  पहना नाम है श्री लिमटी खरे का । खरे जी  की सक्रियता चिट्ठा  जगत में किसी से छिपी नहीं है। वे सामाजिक विषयों पर अपने धुंआधार लेखन के लिए जाने जाते हैं। पेशे से लिमटी जी एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और अपने ब्लॉग 'रोजनामचा ' में दुनिया भर की खबरे लिया और दिया करते हैं। लेकिन इसके साथ ही साथ वे 'नुक्कड़ ',  'आमजन की खबरें ' और 'पहाड़ी की धूम ' आदि ब्लॉगों पर भी अपना सक्रिय योगदान करते रहते हैं। वे कायस्थ सभा के सक्रिय कार्यकर्ता भी रहे हैं । सम्वाद सम्मान मिलने पर हम सबकी ओर से उनका हार्दिक अभिनन्दन

मंगलवार, 30 मार्च 2010

सम्मान: दिव्या माथुर को हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान




लंदन। नेहरू केंद्र की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी दिव्या माथुर को वर्ष 2009 के हरिवंश राय बच्चन लेखन सम्मान से सम्मानित किया गया है। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त नलिन सूरी ने माथुर को यह सम्मान प्रदान किया, जिन्होंने कई कविता संग्रहों के साथ ही कहानियाँ भी लिखी हैं। 1985 में लंदन में भारतीय उच्चायोग से जुड़ी दिव्या माथुर रॉयल सोसाइटी ऑफ आर्ट्स की फ़ेलो हैं। नेत्रहीनता से संबंधित कई संस्थाओं में आपका सक्रिय योगदान रहा है तथा इनकी अनेक रचनाएँ ब्रेल लिपि में प्रकाशित हो चुकी हैं। आशा फ़ाउंडेशन और पेन संस्थाओं की संस्थापक-सदस्य, चार्नवुड आर्ट्स की सलाहकार, यू के हिंदी समिति की उपाध्यक्षा, भारत सरकार के आधीन, लंदन के उच्चायोग की हिंदी कार्यकारिणी समिति की सदस्या, कथा यू के की पूर्व अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन की सांस्कृतिक अध्यक्ष, दिव्या कई पत्र, पत्रिकाओं के संपादक मंडल में भी शामिल हैं।

दिव्या माथुर के नाटक व कहानियों के मंचन तथा रेडियो एवं दूरदर्शन पर प्रसारण के अतिरिक्त, इनकी कविताओं को कला संगम संस्था द्वारा भारतीय नृत्य शैलियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। लंदन में कहानियों के मंचन की शुरूआत का श्रेय भी इन्हें दिया जाता है । रीना भारद्वाज, कविता सेठ और सतनाम सिंह सरीखे विशिष्ट संगीतज्ञों ने इनके गीत और ग़ज़लों को न केवल संगीतबद्ध किया, अपनी आवाज़ से भी नवाज़ा है।

युवावस्था से ही लेखन कार्य में जुटी माथुर के छह कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें रेत का लिखा, अंतःसलीला, ख्याल तेरा, 11 सितंबर: ड्रीम्स डेबरीज, चंदन पानी और झूठ, झूठ और झूठ शामिल हैं। उनके कहानी संग्रहों में आक्रोश का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है जिसके लिए उन्हें पद्मानंद साहित्य सम्मान प्रदान किया गया था।
 
                                                                                                                                          आभार: सृजनगाथा
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