हिंदी शब्द सलिला : ११     संजीव 'सलिल'
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संकेत   : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित,           अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक,     आ.-आधुनिक,       आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू,     उदा.-उदाहरण,     उप.-उपसर्ग,   उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित,        इ.-इंग्लिश/अंगरेजी,  का.-कानून,   काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित,    ग.-गणित,     गी.-गीता,  गीता.-गीतावली,   तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य,    ग्री.-ग्रीक.,     चि.-चित्रकला,  छ.-छतीसगढ़ी,   छं.-छंद, ज.-जर्मन,    जै.-जैन साहित्य,     ज्या.-ज्यामिति,  ज्यो.-ज्योतिष,   तं.-तंत्रशास्त्र,    ति.-तिब्बती,     तिर.-तिरस्कारसूचक,  दे.-देशज,   देव.-देवनागरी,    ना.-नाटक, न्या.-न्याय,     पा.-पाली, पारा.-  पाराशर संहिता,   पु.-पुराण,    पुल.-पुल्लिंग, पुर्त.     पुर्तगाली,  पुरा.-पुरातत्व,   प्र.-प्रत्यय,    प्रा.-प्राचीन,     प्राक.-प्राकृत,  फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच,     ब.-बघेली,  बर.-बर्मी,     बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी,  बुं.-बुन्देलखंडी,      बृ.-बृहत्संहिता,     बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल,  बौ.-बौद्ध,      बं.-बांग्ला/बंगाली,     भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत,  भूक्रि.-भूतकालिक    क्रिया,   मनु.-मनुस्मृति,     महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा,     मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी,       यूरो.-यूरोपीय,     योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदस-कृत,  राम.-          रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज  रासो,        ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन,   लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित,  वा.-वाक्य,        वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति,   विद्या.-विद्यापति,  वे.-वेदान्त,     वै.-वैदिक,    व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण,    शुक्र.-शुक्रनीति,     सं.-संस्कृत/संज्ञा,    सक्रि.-सकर्मक क्रिया,  सर्व.-सर्वनाम,       सा.-साहित्य/साहित्यिक,    सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत,      स्त्री.-स्त्रीलिंग,   स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ,    ह.-हरिवंश पुराण,      हिं.-हिंदी.      
अ से प्रारंभ शब्द : ११  
संजीव 'सलिल' 
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अक्षण  - पु. सं. असामयिक. अक्षणिक - पु. सं. स्थिर, दृढ़, जो क्षणिक न हो.
अक्षत - वि. सं. अखंडित, समूचा, क्षतहीन, जिसे चोट न आयी हो, जो घायल न हो. पु. शिव, अखंडित चावल, लावा, जाऊ, धान / धान्य, हैं का अभाव, कल्याण, हिंजड़ा. -योनि- वि. स्त्री. जिसका कौमाँर्य भंग न हुआ हो, अविवाहित / कुँवारी / कुमारी कन्या, -वीर्य- वि. पु. अच्युत वीर्य, ब्रम्हचारी, जिसका वीर्य स्खलन न हुआ हो, क्षयाभाव, शिव, नपुंसक.
अक्षता - स्त्री. सं. कुमारी, अक्षतयोनि, कर्कटश्रृंगी, काकड़ासिंगी.
अक्षत्र - वि. सं. क्षत्रियों / वीरों से रहित.
अक्षम - वि. सं. क्षमा-रहित, असहिष्णु, ईर्ष्या करनेवाला, क्षमता-रहित, असमर्थ.
अक्षमा - स्त्री. सं. अधीरता, क्रोध, ईर्ष्या, असमर्थता.
अक्षम्य - वि. सं. क्षमा न करने योग्य.
अक्षय - वि. सं. क्षयरहित, अविनाशी, निर्धन, पु. परमात्मा. -गुण- पु., शिव. -तृतीया- स्त्री. वैशाख शुक्ल तृतीया. -धाम- पु. वैकुण्ठ, मोक्ष. -नवमी- स्त्री. कार्तिक शुक्ला नवमी. -नीवी- स्त्री. स्थाई दान / निधि बौ. -पद- पु. मोक्ष. -लोक- पु. स्वर्ग. -वट / वृक्ष- पु. प्रयाग और गया के वट वृक्ष विशेष जो प्रलय में भी नष्ट नहीं होते.
 
