कुल पेज दृश्य

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

छंद रूपमाला

छंद सलिला
रूपमाला
२४ मात्रिक अवतारी जातीय छंद 
*
पदभार २४, यति १४-१०, पदांत गुरु लघु।
विविध गणों का प्रयोग कर कई मापनियाँ बनाई जा सकती हैं। 
उदाहरण
१ 
रूपमाला फेरता ले, भूप जैसा भाग।
राग से अनुराग करता, भोग दाहक आग।।
त्यागता वैराग हँसकर, जगत पूजे किंतु-
त्याग देता त्याग को ही, जला ईर्ष्या आग।।
२ 
कलकल कलकल अमल विमल, जल प्रवह-प्रवहकर।
धरणि-तपिश हर मुकुलित मन, सुखकर दुख हरकर।।
लहर-लहर लहरित मुखरित, छवि मनहर लखकर-
कलरव कर खगगण प्रमुदित, खुश चहक-चहककर।
*
जो बोया सो काटेगा, काहे को रोना।
जो पाया सो खोएगा, क्यों जोड़े सोना?
आएगा सो जाएगा, छोड़ेगा यादें-
बागों के फूलों जैसे, तू खुश्बू बोना
१७-१२-२०२०

कोई टिप्पणी नहीं: