छंद सलिला
रूपमाला
२४ मात्रिक अवतारी जातीय छंद
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पदभार २४, यति १४-१०, पदांत गुरु लघु।
विविध गणों का प्रयोग कर कई मापनियाँ बनाई जा सकती हैं।
उदाहरण
१
रूपमाला फेरता ले, भूप जैसा भाग।
राग से अनुराग करता, भोग दाहक आग।।
त्यागता वैराग हँसकर, जगत पूजे किंतु-
त्याग देता त्याग को ही, जला ईर्ष्या आग।।
२
कलकल कलकल अमल विमल, जल प्रवह-प्रवहकर।
धरणि-तपिश हर मुकुलित मन, सुखकर दुख हरकर।।
लहर-लहर लहरित मुखरित, छवि मनहर लखकर-
कलरव कर खगगण प्रमुदित, खुश चहक-चहककर।
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३
जो बोया सो काटेगा, काहे को रोना।
जो पाया सो खोएगा, क्यों जोड़े सोना?
आएगा सो जाएगा, छोड़ेगा यादें-
बागों के फूलों जैसे, तू खुश्बू बोना
१७-१२-२०२०
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