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बुधवार, 16 दिसंबर 2020

दोहा दोहा पालक

दोहा दोहा पालक :
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
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पलकर पल भर भूल मत, पालक का अहसान।
गंध हीन कटु स्वाद पर, पालक गुण की खान।।
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पालक दृढ़ता से करे, शिशु-पालन दिन-रैन।
पालक से लोहा मिले, पाचक देती चैन।।
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पालक पालन कर कभी, कहे न कर आभार।
पालक पोषण कर कहे, रखो संतुलित भार।।
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पालक से पा 'लक' सदा, बजा चैन की बीन।
पालक में सी विटामिन, बीटा कैरोटीन।।
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पालक संकट दूर कर, रक्षा करते आप।
कार्सीनोजन कैंसरी, कारक मेटे शाप।।
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पालक दृष्टि कठोर रख, बोले कड़वे बैन।
मैक्युलर डिजेनरेशन, घटा सुधारे नैन।।
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हैं ल्यूटिन जिआजेंटिन, ऐंटीऑक्सिडेंट।
रेटिना-केंद्र घनत्व के, रक्षक एक्सीलेंट।।
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दे मजबूती कैल्शियम, हो हड्डी मजबूत।
पालक पालक सत्य ही, सद्गुण लिए अकूत।।
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पालक में के विटामिन, फोलेट पोषक तत्व।
पालक पालित के लिए, सचमुच जीवन सत्व।।
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ह्रदय अस्थि मस्तिष्क हित, पालक हितकर मीत।
जीवन-जोखिम कम करे, पालक अनुपम रीत।।
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पेप्सिन-नाइट्रेट से, रक्तचाप सामान्य।
कर दे पालक झेलकर, विपदा असाsमान्य।।
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पालक आयरन कोष है, दे दृढ़ता भरपूर।
लाल कोशिका की कमी, करे रक्त से दूर।।
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इम्युनिटी ई विटामिन, बढ़ा रोकती रोग।
एंटी इंफ्लामेटरी, पालक सुंदर योग।।
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फाइबर पाचन सुधारे, करे कब्ज को दूर।
त्वचा-झुर्रियाँ मिटाए, पालक गुण भरपूर।।
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दाल-पराठे में मिला, खाएँ बना सलाद।
जूस पिएँ पालक रखे, स्वस्थ्य और आबाद।।
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अति अच्छे को बुऱाकर, पहुँचाती नुकसान।
बहुत अधिक मत खाइए, पालक है गुणवान।।
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१६-१२-२०२०







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