बाल गीत:
आओ मिलकर
संजीव 'सलिल'
*

आओ मिलकर खेलें हम।
सुख-दुःख हँसकर झेलें हम।।
कदम ताल कर साथ चलें। हाथ-हाथ में ले लें हम।।
धूप-छाँव से क्या डरना?
तम को दूर ढकेलें हम।।
मतभेदों को भुला सकें।
झगड़े-झंझट ठेलें हम।।
संकट में मिल साथ रहें।
मात शत्रु को दे लें हम।।
श्रम-चूल्हा, कोशिश आटा,
मंजिल रोटी बेलें हम।।
बाधाओं की छाती में
शूल ऐक्य का पेलें हम।।
*****
आओ मिलकर
संजीव 'सलिल'
*
आओ मिलकर खेलें हम।
सुख-दुःख हँसकर झेलें हम।।
कदम ताल कर साथ चलें। हाथ-हाथ में ले लें हम।।
धूप-छाँव से क्या डरना?
तम को दूर ढकेलें हम।।
मतभेदों को भुला सकें।
झगड़े-झंझट ठेलें हम।।
संकट में मिल साथ रहें।
मात शत्रु को दे लें हम।।
श्रम-चूल्हा, कोशिश आटा,
मंजिल रोटी बेलें हम।।
बाधाओं की छाती में
शूल ऐक्य का पेलें हम।।
*****