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रविवार, 13 दिसंबर 2020

मुक्तिका


मुक्तिका 
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भय की नाम-पट्टिका पर, लिख दें साहस का नाम
कोशिश कभी न हारेगी, बाधा को दें पैगाम
*
राम-राम कह बिदराएँ, जप राम-राम भव पार 
लूटें-झपटें पा प्रसाद, हँस भक्त करें आराम 
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लेख समय का अजब गजब, है इंसानों की जात 
जाम खा रहे; पीते भी, करते सड़कों को जाम 
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फ़िक्र वतन की नहीं तनिक, जुमलेबाजी का शौक 
नेता को सत्ता प्यारी, जनहित से उन्हें न काम 
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कुर्सी पाकर रंग बदल, दें गिरगिट को भी मात 
काम तमाम तमाम काम का, करते सुबहो-शाम
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