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विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर
📚📙समन्वय प्रकाशन जबलपुर📙📚
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जन्म ब्याह राखी तिलक, ग्रहप्रवेश त्यौहार।
'सलिल' बचा पौधे लगा, दें पुस्तक उपहार।।
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संस्थापक-संचालक-संयोजक आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
- : मार्गदर्शक मण्डल : -
आचार्य कृष्णकांत चतुर्वेदी
डॉ. सुरेश कुमार वर्मा
सुश्री आशा वर्मा
- : परामर्श मण्डल : -
इंजी. अमरेंद्र नारायण जी
डॉ. साधना वर्मा जी
डॉ. संतोष शुक्ला
श्याम देवपुरा जी
अध्यक्ष
बसंत शर्मा
सचेतक - मुख्यालय सचिव
छाया सक्सेना 'प्रभु'
सहयोगी संस्थाएँ :-
वनमाली सृजनपीठ भोपाल,
युवा उत्कर्ष साहित्यिक संस्था दिल्ली,
साहित्य संगम दिल्ली,
सृजन कुञ्ज, काव्य कलश
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हिंदी आटा माढ़िए, देशज मोयन डाल।
सलिल संस्कृत सान दे,पूड़ी बने कमाल।।
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विक्रम संवत् २०७७, शक संवत् १९४२, वीर निर्वाण संवत् २५४६, बांग्ला संवत् १४२७, हिजरी संवत् १४४२, ईस्वी सन् २०२०.
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🔔 🔔 १ सितंबर २०२० से प्रभावी समय सारिणी 🔔 🔔
🌞अनुशासन फलदायकं 🌞।
वंदना / चिंतन पर्व : प्रात: ६ बजे से ८ बजे
सृजन पर्व - प्रात: ८ बजे से संध्या ६ बजे
विमर्श-संवाद पर्व : संध्या ६बजे से रात्रि ८ बजे तक
मुक्त समय - रात्रि ८ बजे से प्रात: ६ बजे
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स्थाई स्तंभ : वंदना, सूक्ति-सुभाषित, कार्यशाला, पर्व-जयंती, पाठकीय, प्रतिवेदन।
व्यवस्थापक : उदयभानु तिवारी 'मधुकर', मीनाक्षी शर्मा 'तारिका', अर्चना गोस्वामी।
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📢🐚दैनिक विषय सारिणी🐚🔔
सोमवार - धर्म / योग सत्र : सभ्यता, संस्कृति, आध्यात्म्य, योग, दर्शन, ज्योतिष, ।
व्यवस्थापक : अरुण भटनागर जबलपुर, अरुण श्रीवास्तव 'अर्णव' भोपाल, सारांश गौतम जबलपुर।
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मंगलवार - लोक / बाल सत्र : लोक / बाल संबंधित पर्व, कथा, गीत, नाट्य, साहित्य आदि।
व्यवस्थापक : पुनीता भारद्वाज भीलवाड़ा, प्रभा विश्वकर्मा जबलपुर, बबीता चौबे।
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बुधवार - पद्य सत्र : गीत, कविता, क्षणिका, रस, छंद, अलंकार ।
व्यवस्थापक - छाया सक्सेना जबलपुर, मीना भट्ट जबलपुर, विनोद जैन 'वाग्वर' सागवाड़ा राजस्थान ।
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गुरुवार - गद्य सत्र : कहानी, लघुकथा, उपन्यास, निबंध, समालोचना, लेख आदि।
व्यवस्थापक : डॉ. मुकुल तिवारी जबलपुर, मनोरमा जैन 'पाँखी' भिंड, वीणा सिंह सिहोरा।
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शुक्रवार - विमर्श सत्र - संगोष्ठी परिचर्चा, साक्षात्कार, संस्मरण, पर्यटन कथा आदि।
व्यवस्थापक : अखिलेश सक्सेना कासगंज, डॉ. अनिल जैन दमोह, सुषमा सिंह सिहोरा।
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शनिवार भाषा सत्र - भाषा विग्यान, व्याकरण, भाषांतरण, अनुवाद, अन्य भाषाओं / बोलियाँ का साहित्य।
व्यवस्थापक : डॉ आलोकरंजन जपला, डॉ. अरविंद श्रीवास्तव दतिया, निरुपमा वर्मा एटा।
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रविवार कला व विज्ञान सत्र - गायन, वादन, नर्तन, रेखांकन, चित्रांकन, छायांकन, पाक, श्रृंगार, साज-सज्जा, उद्यानिकी, मनरंजन आदि।
व्यवस्थापक : डॉ. अनिल बाजपेई जबलपुर, प्रो. शोभित वर्मा, अस्मिता शैली।
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मुक्त काल :
व्यवस्थापक : रमन श्रीवास्तव जबलपुर, सपना सराफ जबलपुर, डॉ. मीना श्रीवास्तव ग्वालियर।
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अनिल अनल भू नभ सलिल, पंचतत्व संसार
भाषा भूषा संस्कृति, है असार में सार
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नियम -
१. पटल पर निर्धारित विषयानुकूल रचनाओं के सिवाय कोई लिंक, टिप्पणी या विज्ञापन प्रस्तुत न करें। विषयानुकूल लिंक, साहित्यिक आयोजनों की सूचना व्यवस्थपकों को भेजें। वे उपयुक्त होने पर मुक्त समय में प्रस्तुत करेंगे।
२. रचनाओं व विमर्श की भाषा शिष्ट, कथ्य प्रामाणिक, शब्द सटीक हों।
३. रचनाओं पर पाठकीय टिप्पणी, विमर्श, सुझाव आदि रचनाकार के व्यक्तिगत पटल पर भेजें। रचनाकार इन्हें उचित लगे तो अपनायें, अनावश्यक बहस न करें।
४. रचनाकाल की सभी रचनाओं पर पाठकीय प्रतिक्रिया एक बार विमर्श पर्व में दी जा सकती है। ।
५. अन्य स्रोत से ली गई सामग्री का संदर्भ अवश्य दें।
६. सामग्री की प्रामाणिकता, सत्यता, वैधानिकता हेतु केवल प्रस्तुतकर्ता जिम्मेदार हैं, पटल संचालक-प्रबंधक-व्यवस्थापक नहीं।
७. विवाद की स्थिति में संस्था सचेतक, अध्यक्ष या संयोजक का निर्णय सब पर बंधनकारी होगा।
८. विमर्श, गोष्ठी, परिसंवादम कार्यशाला आदि हेतु विधा व दिन संचालक की अनुमति-सहमति प्राप्त कर घोषित करें तथा घोषणानुसार ९. सचेतक/व्यवस्थापक पटल पर नियमों का पालन सुनिश्चित करें, नियम भंग करनेवाले सदस्यों को सूचित कर नियम मनवाएँ। अनुरोध के अवहेलना होने पर संबंधित सदस्य को सचेतक, अध्यक्ष या संचालक अस्थायी / स्थाई रूप से निष्कासित कर सकते हैं।
१०. जो सदस्य व्यवस्थापक मंडल में जुड़ना चाहें, सुझाव देना चाहें अथवा कोई आयोजन करना चाहें वे संचालक से संपर्क करें।
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📢🐚दैनिक विषय सारिणी🐚🔔
.......... वार, - ............ सत्र : .......................................................... ।
व्यवस्थापक : ...............................................................।
सचेतक - ........................................................................
🌞अनुशासन फलदायकं 🌞।
🔔 समय सारिणी 🔔
वंदना / चिंतन पर्व : प्रात: ६ बजे से ८ बजे
सृजन पर्व - प्रात: ८ बजे से संध्या ६ बजे
संवाद पर्व : संध्या ६ बजे से रात्रि ८ बजे तक
मुक्त समय - रात्रि ८ बजे से प्रात: ६ बजे
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